NEWSPR डेस्क।
जलप्रपात को देखने के सैलानियों की भीड़ : रोहतास जिला के कैमूर पहाड़ी पर स्थित प्रसिद्ध माँझर कुंड जलप्रपात में इन दिनों सैलानियों की भीड़ उमड़ रही है। प्रतिदिन सैकड़ों लोग इस झरने का दीदार करने पहुंच रहे हैं। यहां तक कि झरने में नहा कर आनंद भी ले रहे हैं। हालांकि इस दौरान सोशल डिस्टेंशिंग कि धज्जियां भी उड़ रही। सबसे बड़ी बात है कि जिस तरह से कोरोना के संक्रमण का दौर चल रहा है ऐसे में एक साथ सैकड़ों लोगों का सामूहिक स्नान कहीं ना कहीं संक्रमण के लिए खतरा है।
कैमूर पहाड़ी पर स्थित है मनोरम झरना : बिहार के रोहतास में कलकल बहनेवाली एक झील है। जिला मुख्यालय से महज 12 से 15 किलोमीटर की दूरी पर कैमूर पहाड़ी पर यह मनोरम झरना स्थित है। खासकर बरसात के दिनों में जून-जुलाई और अगस्त में यहां की दृश्य काफी मनोरम हो जाती है। झरना का ऐसा दृश्य आपको विरले ही देखने को मिलेगा। इस जलप्रपात की चौड़ाई काफी अधिक है। जब पहाड़ों से कलकल बहते पानी नीचे गिरती है, तो प्रकृति का सौंदर्य देखने को मिलता है। झरने की आवाज कानों में संगीत पैदा करती है और इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं यहां तक कि प्रतिदिन सैकड़ों लोग इस झरने में स्नान भी करते हैं। लेकिन सबसे बड़ी बात है कि जिस तरह से फिलहाल कोरोना ई तीसरी लहर दस्तक दे रहा है ऐसी स्थिति में जरूरी है कि लोग एहतियात बरतें।
मांझर कुंड जाने वाले रास्ते पर बैरिकेडिंग : यह इलाका वन विभाग के अधीन आता है और वन विभाग ने मांझर कुंड जाने वाले रास्ते पर बैरिकेडिंग की है, और यहां पर अधिकारियों की तैनाती हुई है वन विभाग की पुलिस भी मौजूद है लोग कहते हैं कि कोरोना का संकट टल गया है वही वन क्षेत्र में चहलकदमी रोकने के लिए तैनात वन विभाग के पुलिस तथा कर्मी कहते हैं कि वरीय अधिकारियों का आदेश है कि माँझर कुंड जाने वाले लोगों को रोकना नहीं है ऐसे में जो लोग माँझर कुंड जा रहे हैं। उन लोगों कि वन विभाग के कर्मी लिस्टिंग कर रहे हैं।
कहीं ये लापरवाही भारी न पड़ जाये : आप समझ सकते हैं कि जिस तरह से संक्रमण फैलने का खतरा है और ऐसे में वन विभाग माँझर कुंड में भीड़ इकट्ठा करने, सामुहिक स्नान करने की अनुमति दे रखा है जो कहीं ना कहीं खतरनाक हो सकता है सरकार ने अनलॉक किया है, ऐसे में एहतियात कम नहीं करने के निर्देश हैं लेकिन फिर भी किस तरह से जंगल विभाग लापरवाही कर रही हैं यह खतरनाक हो सकता है। एक तरफ कोरोना का खतरा, दूसरी ओर माँझर कुंड में प्रतिदिन सैकड़ों लोगों का सामूहिक स्नान, कहीं नहीं कहीं संक्रमण को बढ़ावा दे सकता है।