रावण दहन की परंपरा इस बार भी कायम है लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार के लंकेश पूरी तरह से डिजिटल होंगे यानी लंकेश बोलेंगे भी हसेंगे भी इतना ही नहीं उनका दहन इस बार रिमोट कंट्रोल से होगा जिसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है।
दअरसल जिले डालमियानगर में सबसे बड़े रावण वध कार्यक्रम को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है ऐसे में रावण दहन इस वर्ष विशेष है आयोजकों की माने तो एसपी प्रतिवर्ष रोहतास क्लब मैदान में पहुंचकर रावण दहन की प्रक्रिया पूरी करते हैं जिला स्तरीय रावण दहन होने के कारण काफी दूर- दूर के श्रद्धालु मैदान में पहुंचकर रावण दहन प्रक्रिया का आनंद लेते हैं।
बताया जाता है कि लगभग 50 हजार से एक लाख तक लोगों की भीड़ दहन की प्रक्रिया का आनंद लेते है रोहतास एसपी विनीत कुमार इस बार रिमोट से रावण का पुतला सहित कुम्भकर्ण व मेघनाथ का भी दहन करेंगे।
आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं नगर पूजा समिति के आचार्य विनय बाबा बताते हैं कि हर साल पारंपरिक तरीके से रावण का दहन राम जी के द्वारा तीर मार कर की जाती थी जिसमें रॉकेट लगा होता था लेकिन इस बार कुछ नया करने की सोच व जज्बे के साथ डिजिटल तरीके से रावण दहन का कार्यक्रम किया जाएगा जिसमें रावण हंसेगा भी बोलेगा भी तथा उसकी दोनों भुजाएं भी हिलेंगे इतना ही नहीं रावण की आंखें भी चमकेगी जिसमें बल्ब लगी हुई है इसके लिए 13 सदस्यीय टीम लगातार कार्य में लगी हुई है।
उन्होंने कहा कि बुराई पर अच्छाई की जीत दुर्गा पूजा एवं दशहरा लोगों में शांति, समृद्धि एवं भाईचारा लेकर आए। इसके लिए नीलकंठ एवं गुब्बारा मुक्त किया जाता है वेदों के अनुसार इस दिन नीलकंठ को देखना शुभ माना जाता है कमेटी द्वारा लोगो के जीवन में शुभ अवसर एवं लाभ के लिए सभी के बीच नीलकंठ को लाकर मुक्त किया जाता है।
सुरक्षा के होंगे तो पुख्ता इंतजाम- डालमिया नगर झंडा चौक मैदान में आज होने वाले रावण दहन को लेकर प्रशासनिक स्तर पर भी तैयारियां की गई है एसडीएम अनिल कुमार सिन्हा एसडीपीओ विनीता सिन्हा ,डालमिया नगर थाना अध्यक्ष खुशी राज लगातार कार्यक्रम स्थल की मॉनीटरिंग कर रहे हैं बताया कि रावण दहन को लेकर पर्याप्त मात्रा में दंडाधिकारी के साथ-साथ सुरक्षा बलों की तैनाती रहेगी साथ ही मेडिकल टीम, अग्नि समंदर शमन दल समेत अन्य प्रशासनिक व्यवस्था की जा रही है ताकि शांति पूर्वक रावण दहन संपन्न हो सके।
गौरतलब है कि कोरोना काल के दौरान 2020 एवं 21 में सरकार के पाबंदी के कारण रावण दहन की प्रक्रिया नहीं हुई थी। इस दौरान श्रद्धालुओं में काफी निराशा थी वही इस बार रावण के साथ- साथ कुंभकरण एवं मेघनाथ के दहन के कारण श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक होने की संभावना है जिसे लेकर कमेटी और प्रशासन द्वारा तैयारी कर ली गई है।