चंदन पांडेय
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते प्रसार को देखते हुए राज्य सरकार के द्वारा 31 अगस्त तक लॉकडाउन विस्तारित किया गया है। लॉकडाउन की वजह से उत्पन्न परिस्थिति को देखते हुए विभिन्न राज्यों में जिलों से लौटे श्रमिकों एवं प्रभावित ग्रामीण परिवारों को स्वरोजगार एवं आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से जिले में चल रहे विभिन्न योजनाओं के साथ-साथ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान एवं मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध करा कर लाभान्वित किया जा रहा है।
उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी के निर्देशानुसार कृषि विज्ञान केंद्र में बाहर से आए प्रवासी श्रमिकों एवं किसानों को कृषि के नए तकनीकों से संबंधित प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ताकि श्रमिकों को उनकी कुशलता के अनुसार विभिन्न योजनाओं एवं विभिन्न विभागों में रोजगार उपलब्ध करा कर उन्हें आत्मनिर्भर व सशक्त बनाया जा सके। इसी आलोक में आज दिनांक 10.08.20 को कृषि विज्ञान केंद्र में बकरी पालन, पशु पालन, एकीकृत खेती, मुर्गी पालन से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही किसानों को उन्नत कृषि हेतु कृषि से संबंधित यथा हार्वेस्टिंग, वर्मी कम्पोस्ट, प्लांटेशन, बकरी पालन, मशरूम की खेती, मत्स्य पालन से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। जिसका उद्देश्य किसानों को अपनी भूमि पर नए एवं उन्नत कृषि करना तथा विज्ञान के नए तरीकों से अवगत कराना है ताकि किसान अपनी कृषि की उत्पादन क्षमता को बढ़ा सके तथा उसे लाभान्वित हो सके।
जिले में 560 किसानों/श्रमिकों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें जिले के 315 से अधिक किसानों/श्रमिकों को उन्नत कृषि एवं पशुपालन हेतु प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले अधिकांश किसान कृषि एवं बागवानी, पशु पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन आदि पर निर्भर रहते हैं। ऐसे में सरकार व जिला प्रशासन की पहली प्राथमिकता ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों एवं कृषकों को इस योजना से जोड़ उन्हें लाभान्वित करना है। इसके अलावा कृषि विज्ञान केंद्र, गिरिडीह में श्रमिकों एवं किसानों को IFS एवं सूअर पालन से संबंधित प्रशिक्षण का कार्यक्रम आज से शुरू किया गया है। ताकि श्रमिक एवं कृषक प्रशिक्षण प्राप्त कर योजनाओं का लाभ उठा सकें।