लोकसभा चुनाव से पहले आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू।

Patna Desk

 

लोकसभा चुनाव से पहले दल बदलने का सिलसिला शुरू हो गया है। अभी हाल ही में चेनारी से पूर्व विधायक और जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष पद से लल्लन पासवान ने इस्तीफा देकर भाजपा ज्वाइन किए हैं। हालांकि इसके बाद से ही सासाराम संसदीय क्षेत्र का राजनीतिक तापमान काफी बढ़ गया है। यही कारण है कि आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। दरअसल कैमूर जिले के राष्ट्रीय लोक जनता दल के युवा प्रदेश उपाध्यक्ष ने सासाराम सांसद छेदी पासवान के द्वारा लल्लन पासवान के उपर अभद्र टिप्पणी का निन्दा किया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा आलाकमान से छेदी पासवान को पार्टी से निकालने का मांग किया है। छेदी पासवान को बहरुपिया बताते हुए कहा कि छेदी पासवान अपने निजी स्वार्थ के लिए एक नहीं अनेकों दलो को बदल चुके है।

कैमूर जिले के सासाराम क्षेत्र के सांसद छेदी पासवान ने आखीरकार क्या कह दिया की अपने ही दल मे बिरोध शुरू हो गया है। कार्यकर्ताओं मे आक्रोश देखने को मील रहा है। जबकि लोकसभा का चुनाव नजदीक आ रहा है। ऐसे में यदि अपने ही पार्टी के कार्यकर्ताओं के द्वारा विरोध किया जाता है तो चुनावी तिथि क्या होगी इसका आकलन खुद लगाया जा सकता है। यदि सांसद छेदी पासवान के विरोध में अभी से ही आवाज उठाना शुरू हो जाएगी तो चुनाव भी बिगड़ सकता है। वैसे पार्टी कार्यकर्ताओं के द्वारा इस बार छेदी पासवान का टिकट काटने का भी जोरों से मांग शुरू हो गया है यदि आवाज आगे भी इसी प्रकार उठाती रही तो शायद सांसद श्री पासवान के लिए मुश्किल खड़ा कर सकती है क्योंकि किसी भी पार्टी का रन उसे पार्टी के कार्यकर्ता होते हैं और जब कार्यकर्ता ही किसी सांसद और विधायक का विरोध करने लगे तो स्वाभाविक है कि पार्टी आला कमान को उसे विषय में सोचने के लिए मजबूर होना पड़ता पड़ सकता है। हालांकि छेदी पासवान ने अपनी जुबान से खुद ही कुछ अभद्र बयान देकर के अपने ही आप अपने जाल में फंस गए हैं अब देखना यह होगा कि आगे पार्टी कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया क्या होती है हालांकि जिस प्रकार प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से पार्टी के सहयोगी दल के कई कार्यकर्ताओं ने संसद का विरोध किया है अगर इसी प्रकार आगे और बढ़ता गया तो वर्तमान सांसद को मुश्किल खड़ा कर सकता है। राजनीति में परिवारवाद वंशवाद का सिलसिला खत्म होने का वक्त आ गया है 2014 से ही भाजपा ने एक नई लकीर खींच दी है यही कारण है कि जिनको टिकट मिलता नहीं दिख रहा है वे बेटा,व भतीजा और रिश्तेदारों को राजनीति में प्रवेश करने में लगे हुए हैं। ललन पासवान के भाजपा में आने के बाद से ही सासाराम संसदीय क्षेत्र की राजनीति थोड़ी लाल खो गई है यही कारण है कि समर्थकों के कार्यकर्ता आरोप प्रत्यारोप की बरसात कर रहे हैं।

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