लोकसभा सत्र जारी है लोकसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव होना है। बता दे ये भारत के इतिहास में पहला मौका है जब लोकसभा स्पीकर पद पर आम सहमति नहीं बन सकी है। 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष पद पर आम सहमति बनाने के लिए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के प्रयास तब विफल हो गए, वही कांग्रेस ने इस पद के लिए 8 बार के सांसद के. सुरेश को मैदान में उतारने का फैसला किया। इस पद के लिए भाजपा की ओर से कोटा से सांसद ओम बिरला ने नामांकन दाखिल किया है। वहीं कांग्रेस की ओर से के. सुरेश ने नामांकन कर लिया है कल साफ हो जाएगा कि आखिर लोकसभा स्पीकर का पद किसे मिलता है।
ऐसे में चिराग पासवान ने अपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक के जरिए बार निशाना साधा है और कहां की “जब भी कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष को पता चलता है कि उनकी हार सुनिश्चित है, तो वे दलित कार्ड चल देते हैं। 2002 में जब उन्हें पता था कि वे उपराष्ट्रपति पद का चुनाव हार रहे हैं, तो उन्होंने सुशील कुमार शिंदे जी को उम्मीदवार बनाया था। 2017 में जब वे जानते थे कि वे राष्ट्रपति पद का चुनाव हार रहे हैं तो उन्होंने श्रीमती मीरा कुमार जी को उम्मीदवार बनाया”।