पटना. राज्य मे विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच लोक जनशक्ति पार्टी को एक तगड़ा झटका लगा है। पार्टी के बाहुबली कहे जाने वाले और पूर्व सांसद राम किशोर सिंह उर्फ रामा सिंह ने राजद में शामिल होने का फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि 29 जून को वह अपने समर्थकों के साथ आरजेडी की सदस्यता लेंगे। उनके साथ ही सवर्ण समाज से कई अन्य नेता भी पार्टी में शामिल होंगे.चुनाव की तैयारियों को लेकर इसे राजद की बड़ी सफलता मानी जा रही है।
किसी जमाने में लालू और रघुवंश के कट्टर विरोधी रहे पूर्व सांसद रामा सिंह ने तेजस्वी यादव से भी मुलाकात की है। जिसके बाद उनके राजद में शामिल होने की घोषणा की गई। इसी महीने के 29 जून को सैकड़ों समर्थकों के साथ वह आरजेडी की सदस्यता ग्रहण करेंगे।
2014 के लोकसभा चुनाव में राजद के रघुवंश सिंह को दी थी मात
वैशाली क्षेत्र में रामा सिंह की लोजपा के बड़े नेताओं में की जाती है। सवर्णो के बीच उनका बड़ा वोट बैंक है। रामा सिंह ने वैशाली से लोकसभा चुनाव 2014 लोजपा से टिकट पर लड़ा था. इस दौरान उन्होंने RJD के कद्दावर नेता रघुवंश प्रसाद सिंह को शिकस्त दी थी., लेकिन इसके बाद 2019 के चुनाव के दौरान उनका पार्टी से संबंध ठीक नहीं रहा और पार्टी ने उनकी जगह वीणा देवी की टिकट दे दिया। इसके बाद से ही ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि वो जल्द ही लोजपा छोड़कर किसी अन्य पार्टी को ज्वाइन करेंगे।
अगड़ी जाति के कई नेता भी होंगे शामिल
राजद को एहसास है कि सिर्फ माई समीकरण के बल पर वह बिहार की सत्ता पर काबिज नहीं हो सकते इसलिए तेजस्वी राजपूत भूमिहार को अपनी टीम में शामिल करने में जुटे हुए हैं। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में बिहार के भूमिहार समाज और राजपूत समाज के कई बड़े चेहरे साथ में युवाओं की एक बड़ी फौज को तेजस्वी पार्टी में शामिल कराने वाले हैं। खबर यह भी है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में तेजस्वी करीब 10 फ़ीसदी उम्मीदवार इन्हीं अगड़ी जातियों में देने का मन बनाया है ताकि बीजेपी और जेडीयू के सबसे बड़े इस वोट बैंक में सेंधमारी की जाए।