रजत कुमार
पटना डेस्कः बिहार के एक युवक ने फिर से बिहार का नाम आगे किया पर इस बार वह आपने प्यार के लिए किया। प्यार में न जाने से इस कायनात के बनने के बाद आजतक कितने मजनू रांझा प्रेमियों ने अपनी लैला के लिए क्या क्या न ख़रीदे और लाने का वादा करते रहे होंगे लेकिन प्यार में कहे जाने वाले वो डायलौग की तू कहे तो चाँद तारे लाकर तेरे कदमो में बिछा दूँ इसे अबक लोग प्यार जताने के लिए कहते आये हैं लेकिन बिहार के गया के रहने वाले एक युवक नीरज ने अपनी प्रेमिका के यह कहने पर की मुझसे प्यार करते हो तो मेरे लिए चाँद लाकर दे दो बस इतनी सी बात और गया के युवक ने चाँद तो लाकर नही दिया लेकिन प्रेमिका के लिए चाँद पर जमीन खरीद ली है और वह एक एकड़ जमींन |उसे जमीन के कागजात मिल गए हैं और अब उसने लूनार सिटिजनशिप ग्रहण किया है।
नीरज देश के चौथे व्यक्ति हैं। जिन्होंने चांद पर प्लॉट की खरीदारी की है। बकौल नीरज अभी तक चांद पर जमीन खरीदने वालों में देश के एक कारोबारी और फिल्मी दुनियां के अभिनेता शाहरूख खान और दिवंगत सुशांत सिंह राजपुत हैं। लेकिन संभवत : बिहार के पहले व्यक्ति हैं। जिन्होंने चांद पर प्लाट की खरीदारी की है। क्योंकि दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह ने प्लाट खरीदारी में अपना पता मुम्बई का दिया है। किसी न किसी सफलता के पीछे एक महिला का हाथ अवश्य होता है। कुछ इसी तरह का वाकया बोधगया के एक कारोबारी नीरज कुमार गिरि के साथ हुआ है। जिन्होंने प्रेमिका से प्रेरणा पाकर चांद पर एक एकड़ प्लाट खरीदने की चाहत पाली और लगभग डेढ़ वर्ष के परिश्रम के बाद इसमें सफलता प्राप्त किए।
जमीन का मिला प्रमाण पत्र
चांद पर प्लाट की खरीदारी करने के लिए नीरज ने अपने जन्मदिन पर 29 अक्टूबर 2019 को लूना सोसाइटी इंटरनेशनल के माध्यम से ऑनलाइन पंजीयन किया। उसके बाद सोसाइटी द्वारा मांगे गए दस्तावेजों को ऑनलाइन भरा और भेजा। उसके बाद तय राशि सोसाइटी के खाते में ऑनलाइन जमा किया। नीरज कहते हैं कि प्लाट की कीमत से ज्यादा दस्तावेजों की प्रक्रिया काफी जटिल और लंबी है। उसके बाद 22 जून 2020 को ई मेल के माध्यम से जानकारी दी गयी कि चांद पर एक एकड़ प्लॉट की आपके नाम से बुकिंग कर दी गयी है। उसके बाद ऑनलाइन पीडीएफ के माध्यम से प्लाट का डीड भी भेज दिया गया। इस प्रकार नीरज को लूनर रिपब्लिक का सिटीजन शीप मिल गया। जिसका प्रमाण पत्र लूना सोसाइटी इंटरनेशनल द्वारा जारी किया गया।
नीरज बोधगया प्रखंड के बतसपुर गांव के रहने वाले हैं। इनके पिता कृष्णनंदन गिरि जेपी सेनानी हैं। इनका बचपन बोधगया में बीता। लेकिन पढ़ाई के लिए रांची में अधिक समय व्यतीत किया। इन्हें बचपन से कुछ अलग करने की ठसक सवार है तो देखिये इस बिहारी ने महबूबा के लिए चाँद पर जमींन तक खरीद ली। मां – पिता के अलावे तीन भाई और एक बहन है। नीरज सबसे छोटे हैं। पिता जी बोधगया में गांधी शांति प्रतिष्ठान केंद्र चलाते हैं। बहन होम्योपैथिक चिकित्सक हैं और एक बड़े भाई पिता जी के साथ जुड़े हैं। दूसरा पढ़ाई कर रहा है। इन्होंने अपना काम जमीन कारोबार से शुरू किया और आज बिंदा राहिणी न्यू वल्ड कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. नामक कंपनी के प्रबंध निदेशक है।