वाह रे! सुशासन की पुलिस दबंग के महिलाओं से छेडखनी की शिकायत को किया अनसुना,पीड़िता को थाने से खदेड़ा …

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NewsPR डेस्क – बिहार में सुशासन की सरकार है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महिलाओं के सशक्तीकरण और सुरक्षा को अपनी सरकार की उलब्धियों में शुमार करते है। लेकिन ज़मीनी हक़ीक़त की बानगी राजधानी पटना में ही देखने को मिली जब मनेर निवासी जीविका संचालिका साबित देवी अपने कुछ सहयोगी महिलाओं के साथ मनेर थाने पहुची और एक स्थानिए दबंग के खिलाफ छेडख़ानी और दुर्व्यवहार की लिखित शिकायत दर्ज करना चाहा, लेकिन थाना पुलिस के द्वारा आवेदन अस्वीकृत करते हुए थाने से जाने को कह दिया। पुलिस के इस रवैये से दुखी पीड़िता और उनकी महिला सहयोगियों ने अब अपनी सुरक्षा और समस्या लेकर महिला आयोग पहुच कर गुहार लगाया है।

दरअसल, पीड़िता जीविका संचालक है और आसपास की महिलाओं की सहभागिता के साथ तमाम सरकारी योजनाओं के क्रियान्यवन कार्यक्रम चलाती है। इसका फलाफ़ल यह है की इलाके में उनके साथ महिलाओं का एक जत्था सदैव जुड़ा रहता है। महिलाओं का यह ग्रुप 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडोतोलन कार्यक्रम का आयोजन भी करता रहा है। महिलाओं की इस सामाजिक सहभागिता नगवा निवासी लाल बिहारी नामक व्यक्ति को फूटी आंख नही सुहाती है।


लाल बिहारी इलाके के रसूखदार और दबंग व्यक्तियों में शुमार किया जाता है। जीविका संचालिका सविता देवी ने अपने सहयोगी महिलाओं के साथ बीते 15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज फहराने का कार्यक्रम आयोजित किया था, लाल बिहारी को पसंद नहीं आया।इसका फलाफ़ल यह हुआ कि लाल बिहारी ने झंडोतोलन कार्यक्रम में पहुचकर न केवल विरोध दर्ज कराया बल्कि हंगामा करते हुए उपस्थित महिलाओं के साथ अभद्रता करते हुए छेड़खानी की। घटना से आहत महिलाए स्थानिए थाने मनेर पहुची और लिखित शिकायत दर्ज करने का आवेदन दिया। परन्तु आरोपित के रसूख़ का असर यह दिखाई दिया कि महिलाओं को थाने से न कोई मदद मिली नही मामला दर्ज किया गया। हद तो ये की थाने से चलता कर दिया गया।
पटना पुलिस के इस गैरजिम्मेदाराना हरकत से अब सूबे के सुशासन बाबू के दावे पर ही सवालियां निशान लग गया है।

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