नई दिल्ली। विकास दुबे मुठभेड़ मामले में जांच आयोग को भंग करने की मांग वाली पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। याचिकाकर्ता घनश्याम उपाध्याय ने आयोग के अध्यक्ष पूर्व जस्टिस बीएस चौहान के बारे में कहा था कि उनके रिश्तेदार बीजेपी से में हैं। ऐसे में आयोग की रिपोर्ट विश्वसनीय नहीं रह जाएगी।
वकील घनश्याम उपाध्याय ने कमीशन में रिटायर्ड जस्टिस बीएस चौहान की नियुक्ति पर सवाल खड़े किए थे। वकील की ओर से दावा किया गया कि रिटायर्ड जस्टिस बीएस चौहान के भाई यूपी में विधायक हैं और उनकी बेटी की शादी मध्य प्रदेश में हुई है. जिसपर चीफ जस्टिस की ओर से उन्हें कहा गया कि वो एक सम्माननीय जज रहे हैं, ऐसे में तब उनके रिश्तेदारों की ओर से कोई शिकायत नहीं हुई. तो अब आपको क्यों दिक्कत हैं।