हिरेन पासवान
मधुबनी। नीतीश कुमार के शासनकाल में बहुत से विकास का कार्य हुआ। खासकर कर शिक्षा पर उन्होंने अपना काफी पैनी निगाह डाला । जिससे राज्य के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो सके। लेकिन सीएम साहब के घोषणा करने के बाबजूद भी कई शिक्षा मंदिर विकास से वंचित रह गए। इसमें मधुबनी का एक कॉलेज भी शामिल है। जिसकी सीएम नीतीश कुमार ने अपने विकास यात्रा के दौरान स्वर्ग बनाने की घोषणा की थी । मगर वो शिक्षा मंदिर आज भूत, प्रेत और सापों का बसेरा बना हुआ है।
मधुबनी जिले के जयनगर अनुमंडल मुख्यालय से महज़ दो किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित एक शिक्षा मंदिर है । जो कि दल श्रृंगार बलदेव महाविद्यालय ( D.B कॉलेज) के नाम से प्रसिद्ध है और यह कॉलेज 1957 ई0 में स्थापित किया गया था। स्थापित होने के बाद बहुत ही अच्छी तरीके से चलना शुरू हो गया था , क्योंकि उस समय समाज के बुद्धजीवियों के द्वारा इसे संचालित किया जाता था। उसके बाद इस कॉलेज को जब से बिहार सरकार अपने अंदर लिया, तब से इसकी हालात बद से बत्तर होने लगी। आज इस कॉलेज की यह स्थिति बनी हुई है कि विषैले सांप और भूत प्रेत अपना आशियाना बना चुका है। जिससे कोई भी छात्र – छात्राएं क्लास करने के लिये डर से नही जाते हैं। इस शिक्षा के मंदिर में अब शिक्षित होने से बेहतर है कि अनपढ़ बनकर रहे। क्योंकि अगर इस कॉलेज में शिक्षित होने के लिए आना होगा तो फिर अपनी जान को जोखिम में रखकर पढ़ना पड़ेगा।
सुधार के लिए कॉलेज प्रशासन की कोशिशें नाकाम
उधर कॉलेज प्रशासन इस शिक्षा मंदिर को बेहतर बनाने के लिये एड़ी चोटी एक कर दिया है। बिहार सरकार को इस कॉलेज की जर्जर हालत से कई बार अवगत कराया गया है। फिर भी शिक्षा विभाग और सरकार कुम्भकर्णी निंद्रा में सोई हुई है। जबकि यह कॉलेज साल में सरकार को लाखों रुपये की राजस्व दे रही है । फिर भी हालात बद से बत्तर बनी हुई है । अब सवाल यह उठता है कि इस कॉलेज में पांच हजार से ज्यादा छात्र छात्राएं अपनी भविष्य को सवारने के लिये दिन रात मेहनत करते हैं। फिर क्यों नही सरकार या फिर कोई जन प्रतिनिधि अपनी पैनी नज़रिया इस कॉलेज पर डालती है । वहीं जब इस कॉलेज के वर्तमान प्राचार्य डॉ. नंद कुमार से इस कॉलेज की जर्जर हालात से संबंधित पूछा गया तो उसने बताया कि सरकार की सारी सिस्टम फेल है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस कॉलेज के तरफ किसी ने भी ध्यान नहीं दिया । जिससे आज इसकी जर्जर हालात बनी हुई है।
विकास की सच्चाई बयां कर रहा है कॉलेज है
सूबे में विकास की गंगा बही थी। राज्य के हर क्षेत्रों में विकास हुआ है। इसीलिए नीतीश कुमार को विकास पुरुष के नाम से जाना जाता ह । जबकि यह कॉलेज इंडो नेपाल सीमा पर NH 105 के किनारे अवस्थित है। यहां तक कि इस अनुमंडल इलाके में भी एक ही सरकारी कॉलेज है । फिर भी बिहार सरकार इस कॉलेज के साथ सौतेला व्यवहार करती आ रही है। जबकि इस कॉलेज का आमदनी का सरकार पर तीन करोड़ रुपये गिरावट है ।