विदेश जाने वाले लोगों के लिए COVID-19 सतर्कता डोज की नौ महीने से पहले सिफारिश, NTAGI ने बैठक में रखा प्रस्ताव

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। विदेश जाने वालों के लिए टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) के कोरोना कार्यकारी समूह ने नौ महीने से पहले सतर्कता डोज लगवाने की अनुमति दिए जाने की सिफारिश की है। सूत्रों के अनुसार NTAGI ने इस मुद्दे पर हुई एक बैठक में इस पर चर्चा के बाद सिफारिश की गई। सूत्रों ने आगे कहा कि सभी के लिए बूस्टर डोज के अंतर को कम करने के लिए कोई सिफारिश नहीं की गई है।
भारत में बूस्टर डोज के अंतर को कम किया जाए या नहीं, इस पर विशेषज्ञों ने मिली-जुली राय रखी है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए सरकार द्वारा अनुमति दिए जाने के बावजूद बहुत कम लोगों ने सतर्कता के तौर पर तीसरी डोज लेने में रुचि दिखाई है।

IMA की कोरोना नेशनल टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष डा.राजीव जयदेवन के अनुसार, प्राथमिक टीकाकरण और कोरोना संक्रमण के खिलाफ तीसरी डोज के बीच जितना लंबा अंतर होगा व्यक्ति के शरीर में प्रतिरोधक क्षमता उतनी ही बेहतर होगी। अपने एक बयान में उन्होंने कहा कि, यह देखा गया है कि यदि लाभार्थी को दी गई दूसरी खुराक बहुत हाल ही में दी गई थी, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ा। दूसरे शब्दों में, आप पहले से ही सुरक्षित हैं।

निजी टीकाकरण केंद्रों के माध्यम से 18 वर्ष से ऊपर की आबादी के लिए प्रिकाशन डोज लगाने की शुरुआत 10 अप्रैल, 2022 से शुरू की गई थी। ऐसे में वो सभी लोग जो 18 वर्ष से अधिक आयु के हैं और दूसरी खुराक के प्रशासन के बाद 9 महीने पूरे कर चुके हैं, वे सतर्कता डोज के लिए पात्र होंगे। भारत ने इस साल 10 जनवरी को फ्रंटलाइन वर्कर्स, हेल्थकेयर वर्कर्स और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को सतर्कता डोज देना शुरू किया।

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