विक्रांत
पटनाः बिहार के आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को मुंबई में जबरन बीएमसी द्वारा क्वारेंटाइन किए जाने का मामला थमता नजर नहीं आ रहा है। इस पूरी घटना पर महाराष्ट्र सरकार के रवैये को सुप्रीम कोर्ट के रवैये को अनप्रोफेशनल कहे जाने के बाद भी बीएमसी अपने कदम पीछे लेने को तैयार नहीं है। बीएमसी ने साफ कर दिया है कि आईपीएस अधिकारी को क्वारेंटाइन की अवधि को पूरा करना होगा। वहीं बिहार पुलिस अब इस मामले को लेकर कोर्ट में जाने की तैयारी कर रहा है। डीजीपी ने स्पष्ट किया है कि हमारे अधिकारी को हाउस अरेस्ट किया गया है।
सुशान्त सिंह राजपूत आत्महत्या मामले को लेकर डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय ने कहा है कि हमारे अधिकारी विनय तिवारी जी मुंबई पुलिस को सूचना देकर गए थे। पत्र लिखकर अनुरोध किया था हमने भी उन्हें एसएमएस किया था और अनुसंधान में 3 दिन के लिए सहयोग करने का अनुरोध किया था। लेकिल आधी रात को बीएमसी के पदाधिकारियों ने बिना एंटीजन टेस्ट किए हुए उनके हाथ पर छापा मारकर क्वारेंटाइन कर दिया कि आप बाहर नहीं निकल सकते। अनुसंधान नहीं कर सकते किसी का स्टेटमेंट नहीं ले सकते।
क्वारेंटाइन नहीं हाउस अरेस्ट किया गया
डीजीपी ने कहा कि इसे एक तरह का हाउस अरेस्ट ही कहा जा सकता है। हम लोगों ने बीएमसी के चीफ को पत्र लिखा उन्हीं के नियम कानून का हवाला देते हुए इस बात का जिक्र किया कि अनुसंधान के लिए गए हुए हैं। लेकिन बीएमसी ने इसे दरकिनार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने भी माना गलत
बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय में सुशांत मामले की सुनवाई हो रही थी माननीय सुप्रीम कोर्ट ने ऑब्जर्व किया यह जो करंट इन किया गया है बिहार के आईपीएस को अधिकारी को वह गलत है वह अनप्रोफेशनल है। इसके बाद पटना के आईजी साहब ने बीएमसी के अधिकारियों से अनुरोध किया और यह माननीय सुप्रीम कोर्ट का भी ऑब्जर्वेशन नहीं है उसके बाद भी सकारात्मक जवाब नहीं आया।
अब कोर्ट जाने की तैयारी
डीजीपी ने बताया कि रात तक उम्मीद थी कि छोड़ देंगे लेकिन रात में जब भी नहीं तिवारी को फोन किया तो पता चला वह अभी भी क्वारेंटाइन है और हाउस अरेस्ट हैं। अब सवाल उठता है कि क्या करना है। आज के लिए इंतजार करेंगे उसके बाद हम लोग यह तय करेंगे कि क्या करना है कोर्ट भी जा सकते हैं ऑप्शन वह भी है लेकिन यह आज भर इंतजार करने के बाद तय करेंगे और महाधिवक्ता से राय लेने के बाद।