भागलपुर, एक तरफ जहां तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय प्रदर्शनकारियों का अड्डा बन गया है वही हम लोगों को भूलना नहीं चाहिए कि यही वह विश्वविद्यालय है जहां स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद ने भागलपुर विश्वविद्यालय यहां की जनता को उपहार स्वरूप दिए थे जिसमें राष्ट्रकवि दिनकर डॉ रामाश्रय यादव डॉ रमाशंकर दुबे जैसे प्रख्यात विद्वानों ने कुलपति के रूप में कार्य किया , आज वह भ्रष्टाचारियों का अड्डा बन गया है ऐसा ही कुछ कहते दिख रहे थे जिला जदयू के महासचिव शिशुपाल यादव। उन्होंने एक प्रेस वार्ता में विश्वविद्यालय के बदहाली पर कहीं कटाक्ष करते दिखे चाहे वह एप्लीकेशन कॉलेज हो या फिर B.Ed कॉलेज की बात हो।
उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा कि तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति डॉ जवाहरलाल के नेतृत्व में दलाल पदाधिकारियों एवं पूर्व पदाधिकारी गण बने हुए शिक्षा के मंदिरों को बंद करने का साजिश कर रहे हैं ,जिन कॉलेजों को समबंधन एवं बीएड कॉलेजों को विश्वविद्यालय के सीनेट राज्य सरकार तथा एनसीटीई से वर्षों से समबंधन मिलता रहा है उनसे एक संकाय के लिए सात लाख एवं दो संकाय के लिए बारह लाख,B.Ed में बीस लाख रुपये नहीं देने के कारण इन लोगों ने संबंधी समिति से संबंध के लिए लायक नहीं माना, यह कहीं से सही नहीं है जब तक इस पर विचार नहीं किया जाएगा जब तक यहां के बच्चों का भविष्य गर्त में जा रहा है , हम लोग पहले भी इस पर आवाज उठाए थे और जब तक यह सुधार नहीं होता है तब तक आवाज़ छुट्टी रहेगी इसके लिए हम लोगों को प्रदर्शन करना पड़ेगा तो करूंगा ।