NEWSPR डेस्क। बिहार की धार्मिक राजधानी गया जी सज संवर कर दुल्हन की तरह तैयार है। देश विदेश से सनातन धर्मावलंबियों के आगमन को लेकर जिला प्रशासन पलक पावडे बिछा रखी है। मुक्तिधाम गया जी में 9 सितंबर से पितृपक्ष मेला आरंभ हो रहा है। लगभग ढाई साल के बाद कोरोना संक्रमण काल से निकलकर सामान्य तौर पर पितृपक्ष मेला में 10 लाख से अधिक पिंडदानियों के आने की संभावना जताई जा रही है।
इस बार का पितृपक्ष मेला गया जी के लिए यादगार मेंला होगा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अंतः सलिला फल्गु नदी को बाह्य सलिला के रूप में परिणत किया है। इसके लिए गंगा उद्धव योजना के तहत नीतीश सरकार ने गंगाजल फल्गु तट में प्रवाहित करने के लिए लगभग ₹300 करोड़ की लागत से बने रबर डैम का निर्माण कराकर माता सीता के अभिशाप से मुक्त कराने की पहल नीतीश कुमार ने की है।
वेद पुराणों में ऐसी मान्यता है कि राजा दशरथ के मृत्यु उपरांत श्री राम अपने भाइयों और भार्या माता सीता के साथ पिंडदान करने गया जी आए थे। उस वक्त दंत कथाओं के मुताबिक माता सीता रुष्ट होकर ब्राह्मण, तुलसी, गाय, फल्गु आदि को श्राप दिया था। इन्हीं श्रापों से फल्गु भी शापित है। फल्गु सदैव अंतः प्रवाह के अभिशाप से मुक्ति का मार्ग बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रशस्त किया और फल्गु नदी में सालों भर जल प्रभावित हो इसके लिए पटना से गंगा उद्धव योजना के तहत गंगाजल गया जी तक पहुंचा कर सालों भर फल्गु नदी में पानी रहने के लिए रबड़ डैम का भी निर्माण कराया।
आगामी 8 सितंबर को नीतीश कुमार रबर डैम का उद्घाटन करने गयाजी पहुंच रहे हैं। इस तरह देखा जाए तो इस बार पितृपक्ष मेला यादगार मेला साबित होगा। प्रशासन भी तीर्थ यात्रियों को कोई असुविधा ना हो इसके लिए पूरी तरह मुस्तैद है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से चप्पे-चप्पे में पुलिस की तैनाती की गई है। ड्रोन कैमरे की निगरानी में मेले की सुरक्षा की जाएगी। 50 कैमरे तैनात किए गए हैं। मेला क्षेत्र के लिए सुरक्षा के दृष्टिकोण से मेला क्षेत्र को 38 जोन में बांटा गया है। इसके लिए विशेष पदाधिकारियों की तैनाती की गई है। लगभग साढ़े चार हजार पुलिस की तैनाती मेला क्षेत्र में की गई है।
पुलिस कमांडोज को कंट्रोल करने के लिए 800 पुलिस पदाधिकारियों को लगाया गया है। इतने ही मजिस्ट्रेट की भी तैनाती मेला क्षेत्र में की गई है। 254 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। मेला क्षेत्र में पैनी निगाह रखने के लिए 50 वॉच टावर बनाए गए हैं। मेला क्षेत्र को नियंत्रित करने के लिए चार नियंत्रण कक्ष का निर्माण किया गया है। भारी संख्या में वीडियो कैमरे लगाए गए हैं।
इस तरह देखा जाए तो परिंदा पर भी ना मार सके ऐसी चाक-चौबंद व्यवस्था प्रशासन द्वारा की गई है। सिविल ड्रेस में भी पुलिस और पदाधिकारियों की तैनाती रहेगी ताकि कोई अप्रिय घटना पर पुलिस की निगाह बनी रहे। भारी संख्या में इस बार पितृपक्ष मेले में महिला पुलिस बल की तैनाती की जा रही है ताकि महिलाओं के साथ भी कोई असुविधा ना हो सके।
गया से मनोज की रिपोर्ट