वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में छात्र कल्याण अध्यक्ष को बंधक बनाया जाना छात्र हितों की अनदेखी : एनएसयूआई

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रिपोर्ट:-विकास सिंह

आरा : वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में अभाविप के कार्यकर्ताओं व छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष के द्वारा जिस तरीके से छात्र कल्याण अध्यक्ष को बंधक बनाकर उनके साथ अमर्यादित व्यवहार किया गया वह छात्र हित में कम व व्यक्तिगत हित में ज्यादा की गई है। अभाविप के कार्यकर्ताओं व छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष ने विश्वविद्यालय में छात्रों के समस्याओं को नजरअंदाज करते हुए अपने व्यक्तिगत हित के लिए छात्र कल्याण अध्यक्ष को बंधक बनाया ऐसा कहना है भोजपुर जिला एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष अभिषेक द्विवेदी का।


श्री द्विवेदी ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशाशन के द्वारा नियम-परिनियम को ध्यान में रखते हुए कुछ साल पहले लिंगदोह कमिटी के सिफारिश को ध्यान में रखते हुए छात्र-संघ चुनाव कराया गया था। इस चुनाव का कार्यकाल 1 वर्ष के लिए था। 1 वर्ष समाप्त हुई कई साल हो गए और विश्वविद्यालय में जो छात्र संघ कार्यालय बना हुआ था उस कार्यालय में अभाविप का कब्जा बरकरार था जहां से छात्र हित की बातें कम व विश्वविद्यालय के उस कार्यालय में दरबार लगाने व बाहरी व मनचलों को विश्वविद्यालय में प्रवेश सुनिश्चित करने का कार्य ज्यादा किया जा रहा था जिसको देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशाशन द्वारा कार्यालय को अपने कब्ज़े में लेने का निर्णय छात्र हित में बिल्कुल सही है और एनएसयूआई पूरी तरह विश्वविद्यालय प्रशाशन के साथ है। लिंगदोह कमिटी के तहत पूर्व में हुए चुनाव के तहत 1 साल का कार्यकाल खत्म हो जाने के पश्चात छात्र संघ अध्यक्ष को स्वतः ही कार्यालय को खाली कर देना चाहिए था लेकिन व्यक्तिगत स्वार्थ में उन्होंने ऐसा नहीं किया। हमारी संगठन पूरी तरह विश्वविद्यालय के निर्णय के साथ है। अगर पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष व अभाविप के कार्यकर्ताओं के दवाब में विश्वविद्यालय प्रशाशन द्वारा छात्र संघ कार्यालय को फिर से खोला जाएगा तो छात्र हित में एनएसयूआई विश्वविद्यालय को अस्त व्यस्त करने को बाध्य हो जाएगी

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