NEWSPR DESK- पटना शहनाई नवाज भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की 17वीं बरसी पर पुनाईचक में उन्हें पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस मौके पर उस्ताद बिस्मिल्लाह खां पर शोधपरक पुस्तक “शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां” लिखने वाले मुरली मनोहर श्रीवास्तव अपने संस्मरण को साझा करते हुए कहा कि उस्ताद का दिल निश्छल बच्चों जैसा था। उन्हें याद करते हुए भावुक हो उठे मुरली ने कहा कि मैं हर सप्ताह उस्ताद के पास वाराणसी जाया करता था।
विश्व प्रसिद्ध शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां ऐसे थे जो गंगा में वज़ू करके नमाज़ पढ़ते थे और सरस्वती को याद कर शहनाई की तान छेड़ते थे। आगे श्री मुरली ने कहा मानो कल की बातें हो, मगर उस्ताद को गुजरे 17 साल गुजर गए, इनके ऊपर लिखी मेरी पहली पुस्तक 15 नवम्बर 2009 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा
लोकार्पित हुई थी, जो 10 साल से बेस्ट सेलर बुक में शामिल है। इसी पुस्तक की वजह से 2022 में मेरा नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज हुआ। डुमरांव में उस्ताद की जन्मस्थली से महज कुछ दूरी पर मेरा भी घर है लेकिन अफसोस कि आजतक उस्ताद के नाम पर कोई स्मृति चिन्ह डुमरांव में स्थापित नहीं हो सलि है।
17वीं बरसी पर उन्हें सलाम है। मशहूर शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां 21 अगस्त 2006 को हम सबको छोड़ कर रुखसत हो गए थे। उस्ताद की याद में बिस्मिल्लाह खां ट्रस्ट द्वारा प्रति वर्ष पटना में अंतरराष्ट्रीय बिस्मिल्लाह खां अवार्ड समारोह होता है, जो इस बार भी आयोजित होगी।
इस मौके पर रंजीत कुमार, आकाश कुमार, मृत्युंजय सिंह, नीतू सिन्हा, सिद्धार्थ मिश्रा, काव्या मनोहर, अनुराग सिन्हा आदि उपस्थित रहे।