पटना सहित राज्य के अन्य शहरों की गंदगी से बजबजाती नालियों का पानी अब सीधी गंगा में ही गिरेंगे. गंगा में गिरने से पहले इन नालियों के पानी का बायोलॉजिकल ढंग (जैविक ढंग से) ट्रीटमेंट किया जायेगा। ऐसे ही व्यवस्था सामुदायिक और मोबाइल शौचालयों से निकलने वाली सीरीज की गन्दगी के लिए भी होगी.
बता दें नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) जल और वायु प्रदुषण को लेकर बेहद गंभीर है वह लगातार राज्यों को सीवर की गंदगी को नदियों और दूसरे जलश्रोतों में बहाये जाने की रोकथाम के लिए निर्देश जारी कर रहा है.
इसे देखते हुए नमामि गंगे के तहत राज्य में गंगा किनारे बसे शहरों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाये जा रहे है.