NEWSPR डेस्क। आज शिवराम हरि राजगुरु की जयंती है। जिसे लेकर जदयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने उनको याद करते हुए दी श्रद्धांजलि। अक्सर लोग राजगुरु को भगत सिंह के साथ फांसी दिए जाने की वजह से जानते हैं और उनके फांसी से पहले के जीवन के बारे में काफी कम जिक्र होता है।
शिवराम हरि राजगुरु मराठी परिवार से थे और उनका जन्म पुणे में स्थित गांव खेड़ा में हुआ था। बता दें कि असेंबली बम कांड के बाद वे भगत सिंह के साथ गिरफ्तार हो चुके थे। इसके बाद ही राजगुरु, भगत सिंह और सुखदेव को फांसी की सजा सुनाई गई। फांसी 24 मार्च 1931 को दी जानी थी, लेकिन अंग्रेजों ने एक दिन पहले ही तीनों को फांसी की सजा सुना दी।
इसका कारण था कि जब जेल में फांसी की तैयारी हो रही थी। उस वक्त उनके पक्ष में काफी जनमानस इकट्ठा हो रहा था और अंग्रेज इससे डर गए। इसके बाद उन्होंने एक दिन पहले तीनों को फांसी दे दी और जेल के पीछे ही अंतिम संस्कार कर दिया। बता दें कि 23 मार्च 1931 को शाम 7 बजकर 33 मिनट पर भगत सिंह और सुखदेव के साथ राजगुरु को फांसी लगा दी गई। तीनों क्रांतिकारियों को लाहौर सेंट्रल जेल में फांसी दी गई थी। जो आज पाकिस्तान में है।