पटनाः भगवान श्रीराम के जन्मस्थान को लेकर नेपाल के प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए विवादित बयान की हर तरफ आलोचना हो रही है। नेपाल के कई नेताओं ने खुलकर ओली के इस बयान का विरोध किया है। पिछले कुछ दिनों से नेपाली पीएम लगातार भारत विरोधी बयानबाजी को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं। जिसके कारण नेपाल में उनकी अपनी ही पार्टी ने सरकार गिराने की कोशिश तेज कर दी है।
ओली ने कहा – भारत ने किया सांस्कृतिक हमला
सोमवार को नेपाली पीएम ने दावा किया कि भारत ने सांस्कृतिक अतिक्रमण के लिए नकली अयोध्या का निर्माण किया है। जबकि, असली अयोध्या नेपाल में है। ओली पहले कह चुके हैं कि भारत उनको सत्ता से हटाने की साजिश रच रहा है। ओली ने सवाल किया कि उस समय आधुनिक परिवहन के साधन और मोबाइल फोन (संचार) नहीं था तो राम जनकपुर तक कैसे आए? अब ओली के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया में लोग लगातार विरोध कर रहे हैं। सोशल मीडिया यूजर्स प्रधानमंत्री के अयोध्या बयान की खबरों पर टिप्पणी करते रहे हैं। कुछ हास्यास्पद, कुछ इसे हल्के में ले रहे हैं, जबकि कुछ गंभीरता से दावों पर सवाल उठा रहे हैं। हालांकि, पीएम ने इस घटना का उल्लेख किया था कि कई बुद्धिजीवी यह कहने के लिए उनका मजाक उड़ाएंगे कि राम नेपाल के थे।
राष्ट्रीय प्रजातांत्री पार्टी के सह-अध्यक्ष कमल थापा ने कहा कि प्रधानमंत्री के लिए इस तरह के निराधार, अप्रमाणित बयानों से बचना चाहिए। थापा ने ट्वीट किया, “ऐसा लग रहा है कि पीएम तनावों को हल करने के बजाय नेपाल-भारत संबंधों को और खराब करना चाहते हैं।”
केपी ओली के इस्तीफे की मांग तेज
नेपाल में कई दिनों से केपी ओली के इस्तीफे की मांग उठ रही है। बजट सत्र को स्थगित करने के बाद अब केपी ओली एक अध्यादेश लाकर पार्टी को तोड़ सकते हैं। सूत्रों से हमारे सहयोगी अखबार इकनॉमिक टाइम्स को जानकारी मिली है कि ओली वहां मुख्य विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस के संपर्क में हैं, जिनसे उन्हें सपॉर्ट मिल सके।