गया (बिहार): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गया की जनसभा में संविधान (130वां संशोधन) विधेयक पर विपक्ष के विरोध का कड़ा जवाब दिया। उन्होंने कहा, “किसी सरकारी कर्मचारी को अगर जेल जाना पड़े तो वह तत्काल निलंबित कर दिया जाता है। फिर मुख्यमंत्री या मंत्री जेल में रहते हुए सत्ता का मज़ा क्यों उठाएं? अब नियम साफ है – भ्रष्टाचारी जेल जाएंगे तो कुर्सी भी जाएगी।”
गौरतलब है कि 20 अगस्त को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने यह विधेयक लोकसभा में पेश किया था। प्रस्तावित प्रावधान के मुताबिक, यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री लगातार 30 दिन तक जेल में रहते हैं, तो 31वें दिन उनकी सदस्यता और पद स्वतः समाप्त हो जाएगा।
हालाँकि, विपक्षी दलों ने इस संशोधन को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं। विपक्ष का आरोप है कि सरकार एजेंसियों के माध्यम से नेताओं को झूठे मामलों में फंसाकर जेल भेजेगी और फिर 30 दिन पूरे होने के बाद उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया जाएगा।
तेज़ विरोध के चलते लोकसभा में यह विधेयक अभी संयुक्त समिति के पास भेज दिया गया है, जहाँ इसके प्रावधानों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया जाएगा।