राकेश सोनी
बगहाः वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव हेतु जारी लॉकडाउन के कारण जनता पूरी तरह से प्रभावित हो चुकी है। जिसमें प्रवासी मजदूर, निजी स्कूल के शिक्षक, दिहाड़ी मजदूर आदि सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।
एक तरफ जहां निजी विद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षकों के आर्थिक स्थिति बदहाल हुई है। वहीं प्रवासी मजदूरों को काम की तलाश में दोबारा से दूसरे शहरों की ओर पैदल ही निकलना पड़ रहा है। आर्थिक तंगी से अधिकतर गरीब वर्ग जूझ रहे हैं। लॉकडाउन की वजह से परेशान थे ही, बाढ़ ने परेशानी को दुगना कर दिया। लेकिन सरकार आंख बंद किए हुए है।
नीतीश सरकार सिर्फ खोखले वादे करना जानती है। उनके पास जनता की तकलीफों के लिए समय नहीं है। सरकार को गरीब मजदूर वर्ग की दयनीय हुई आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर जल्दी कोई निर्णय लेने की आवश्यकता है।