सावधान ! अगर आप भी अपने घरों के एक्वेरियम में सजाकर कछुआ पलते हैं तो हो जाएं सावधान, भारी जुर्माना के साथ हो सकती है जेल।

Patna Desk

 

भागलपुर जिले में लगातार वन विभाग द्वारा एक मुहिम चलाई जा रही है हाल ही की दिनों में भागलपुर जिले में पशु तस्करों द्वारा कछुआ को तस्करी कर दूसरे राज्यों में लिया जाया जा रहा था जिससे कि लगातार उन्होंने मुहिम चराने के बाद पशु तस्करों को कछुआ के साथ बड़ी संख्या में भी गिरफ्तार किया था इसके बाद भागलपुर जिले के वन विभाग अब घरों में कछुआ पालने वाले लोगों पर जुर्माना लग रही है लगातार भागलपुर के वन विभाग के उमरिया अधिकारी एवं वन चिकित्सा डॉ संजीत कुमार द्वारा लोगों से अपील की जा रही है कि वह अपने घरों में कछुआ ना का ले अगर भूल बस वह अपने घरों में कछुआ एक्वेरियम में पल रहे हैं तो सुंदरवन के कछुआ रेस्क्यू सेंटर में उसे जमा करवा दें वन विभाग के डॉक्टर संजीत कुमार ने बताया कि अगर आपके पास भी कछुआ है तो वह उसे आप वन विभाग को सौंप दें सुंदरवन के कछुआ रेस्क्यू सेंटर में आप अपने कछुए के साथ पहुंचे और वहां उसे कर्मचारियों को दे दें कछुआ किसी भी प्रजाति का हो पालन या बेचना कानून जुर्म है अगर आप भी घर में कछुआ एक्वेरियम में पल रहे हैं तो यह अपराध की श्रेणी में आता है इसको लेकर एक मोटा जुर्माना और आपको जेल हो सकती है आपको बता दे कि लोग शौक से कछुआ को अपने घरों में पलते हैं वहीं कछुआ को शुभ माना जाता है इसलिए लोग इसे अपने पास रखने से नौकरी और परीक्षा में सफलता की प्राप्ति के बारे में सोचते हैं आपको बता दें कि हिंदू धर्म में कछुआ को घर में रखने को बहुत शुभ माना जाता है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु का एक रूप कछुआ था भगवान विष्णु ने कछुए का रूप धारण कर समुद्र मंथन के समय मंत्राचल पर्वत को अपने कवच पर थाम लिया था कहा जाता है कि जहां कछुआ होता है वहां लक्ष्मी का आगमन होता है.वही सीटर वन विभाग कछुआ रखने वालों पर सख्त कार्रवाई कर रहा है और उसे मोटे जमाने के साथ जेल भेजने की भी तैयारी कर रहा है.

आपको बता दे कि भारत के संविधान में जानवरों की रक्षा के लिए कई कानून बनाए गए हैं इसमें प्रीवेंशन आफ क्यूरिंग इक्वलिटी तो एनिमल एक्ट 1960 की धारा 11 के मुताबिक पालतू जानवर को छोड़ने उसे भूखा रखना नुकसान पहुंचाने और भूख प्यास से मारने की दोषी के खिलाफ केस दर्ज हो सकता है.

कोई आपको बता दे कि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 में 66 धारा एवं 6 अनुसूचित बनाई गई है जिसमें अलग-अलग अनुसूचियां हैं जो पशु पक्षियों के अलग-अलग प्रजातियों के संरक्षण की बात करता है इसमें कछुआ को अपने घरों में पालने को लेकर भी नियम बनाए गए हैं जिसमें कि यह अवैध है. घर में कछुए को नहीं पाल सकते है.आपको बता दें कि 1972 में भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम पारित किया गया था बाद में 2003 में इसे संशोधित कर इसका नाम भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 2002 रखा गया इसके बाद इसके दंड और जमाने को और भी सख्त कर दिया गया लगातार वन विभाग द्वारा से मजबूती से पालन करवाया जा रहा है.

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