पटना: बिहार में भारी बारिश और वज्रपात के बाद उत्तर बिहार और प्रांत के अन्य हिस्सों में हालात के मद्देनजर सरकार ने सभी को चौकस रहने का निर्देश दिया है. इसी दौरान जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने राज्य के विभिन्न नदियों के जलस्तर एवं बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंधों की स्थिति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बूढ़ी गंडक नदी को छोड़कर बिहार में शेष सभी नदियों में अभी फॉलिंग ट्रेंड हैं. बूढ़ी गंडक नदी राइजिंग ट्रेंड में है. लेकिन वह भी खतरे के निशान से अभी 30 से 40 सेंटीमीटर नीचे है. रोसड़ा रेल पुल के पास मात्र एक जगह यह खतरे के निशान से ऊपर है.भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार अगले 72 घंटे में लगभग राज्य की सभी प्रमुख नदियां राइजिंग ट्रेंड में रहेंगी. नदियों के कैचमेंट क्षेत्र में बिहार और नेपाल साइड में बारिश होने की संभावना व्यक्त की गई है. 14 जुलाई के आसपास नदियों के जलस्तर की जो स्थिति बनी थी, उसी लेवल पर जलस्तर के पहुंचने की संभावना है.
इसे ध्यान में रखते हुए संबंधित जिलों को अलर्ट कर दिया गया है. बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंध सभी सुरक्षित हैं और जहाँ-जहाँ जमींदारी बांध या रिंग बांध के क्षतिग्रस्त होने की सूचना प्राप्त होती है, तत्काल उनका मरम्मत किया जा रहा है. भारतीय मौसम विभाग के 72 घंटे का जो पूर्वानुमान है, उसके प्रति लोगों को आगाह किया जा रहा है ताकि निचले स्थान में रहने वाले लोग ऊँचे स्थानों पर शिफ्ट हो जाएं.वही समीक्षा बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है. नदियों का जलस्तर बढ़ने से अभी बिहार के 8 जिले- सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज एवं पूर्वी चम्पारण के कुल 31 प्रखंडों की 153 पंचायतें आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं जहां आवश्यकतानुसार राहत शिविर चलाए जा रहे हैं.
मिली जानकारी के मुताबिक सुपौल में 2, दरभंगा में 2 और गोपालगंज में 3 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि गोपालगंज में 9, सुपौल में 2, पूर्वी चंपारण में 9 और दरभंगा में 7 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं. इस प्रकार कुल 27 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन लगभग 21,000 लोग भोजन कर रहे हैं. भारतीय मौसम विभाग ने आज किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार के लिए रेड अलर्ट जारी किया है और अगले 72 घंटे का जो पूर्वानुमान है, उसे सभी जिलाधिकारियों को विभाग द्वारा शेयर कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग सम्पूर्ण स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा है.