रोहतास,सीपीआईएमएल न्यू डेमोक्रेसी के वरिष्ठ नेता सह रोहतास किसान आन्दोलन के महान योद्धा कामरेड शंकर सिंह का रविवार की सुबह सदर अस्पताल के ट्रामा सेंटर में इलाज के दौरान निधन हो गया। वे 80 वर्ष के थे। जिनका जन्म 1943 में मेरठ जिला के ढकोली गांव में एक सम्पन्न जाठ परिवार में हुआ था। कामरेड शंकर सिंह आजीवन अविवाहित रहकर जनता को क्रांतिकारी संघर्षो में संगठित करते रहे तथा नक्सलवादी किसान आन्दोलन से प्रभावित होकर 1968 में पार्टी के पूर्ण कालिक कार्यकर्ता बन गए। अपने क्रान्तिकारी जीवन में उन्होंने उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार सहित अन्य प्रदेशों में पार्टी के फैसले के अनुरूप राजनीतिक एवं संगठनात्मक कार्य करते रहे तथा सन 1998 में दिल्ली से बिहार आने के बाद कुछ दिनों तक रांची – धनबाद के कोयला मजदूरों के बीच भी काम किया। जिसके बाद पटना जिला में चल रहे किसान आन्दोलन के साथ जुड़ गए। शंकर सिंह के निधन से रोहतास किसान आन्दोलन को अपूर्णीय क्षति हुई है। जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती। वहीं सासाराम से जब उनके शव को जयका गाँव स्थित अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के कार्यालय पर लाया गया तो उनके समर्थकों की आँखें नम हो गई तथा शंकर सिंह अमर रह के नारे से पूरा वातावरण गुंज उठा। अंत में उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने आए लोगों ने उन्हें सम्मान पूर्वक विदाई दी तथा आत्मा की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना भी किया।