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सुखाड़ का दंश झेल रहे खेतों को बारिश का सहारा, किसानों की हालत खराब, धान रोपने का कार्य केवल 7 से 8 प्रतिशत हुआ

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NEWSPR डेस्क। मुंगेर में धान का कटोरा कहे जाने वाले असरगंज प्रखंड इन दिनों सुखाड़ का दंश झेल रहा है। बढुआ नहर परियोजना सिंचित एरिया से बाहर वंचित असरगंज प्रखंड के किसान भगवान के भरोसे वर्षा पर आधारित खेती कर रहे हैं। बारिश नहीं होने के कारण असरगंज प्रखंड में मात्र 7 से 8% ही धान रोपने का कार्य हो पाया है।

मुंगेर का असरगंज प्रखंड जो कि अब सुखा के चपेट में आ गया है। खेतों में दरारें पड़ गई है। असरगंज प्रखंड के अंतर्गत सजुआ रहमतपुर मकबा अमैया बैजलपुर चोर गांव एवं असरगंज के खेतिहर भागों में नहर का पानी नहीं पहुंच पाता है। जिसके कारण किसान अभी तक अपने खेतों में धान रोपनी का कार्य शुरू नहीं कर पाए है। हालांकि कुछ किसान डीजल पंप सेट से बिचडा बचाते हुए रोपनी का कार्य कर रहे हैं।

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अधिकांश खेतों में धान रोपनी नहीं होने से चारागाह बन गया है। क्षेत्र के किसानों ने बताया कि धान रोपनी का मध्य समय अब खत्म होते जा रहा है। बारिश की भी संभावना नहीं दिख रही है। अब हम लोग कैसे अपने धान के खेतों में रोपनी कर पाएंगे। इस मामले में प्रखंड कृषि पदाधिकारी ज्ञानेंद्र नारायण झा ने बताया कि असरगंज प्रखंड में लगभग 7 से 8% रोपनी कार्य हुआ है।

किसान 30 अगस्त तक धान रोपनी कार्य कर सकते हैं। वहीं जिलाधिकारी के आदेशानुसार स्टेट ट्यूबवेल ठीक कराने का कार्य चल रहा है। वैसे किसान जो स्वयं डीजल पंप से खेत सिंचित किए हैं। वे डीजल अनुदान का लाभ उठा सकते हैं। उसके बाद भी जितनी मात्रा में रोपनी होनी चाहिए वो नही हो पायेगा । जिससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है ।

मुंगेर से मो. इम्तियाज की रिपोर्ट

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