खबर रोहतास जिला से है। पिछले सप्ताह बृहस्पतिवार की रात मूसलाधार बारिश के बाद इंद्रपुरी के कटार में सोन नदी में फंसे ट्रकों को निकालने की कवायद अभी भी जारी है। सोन नदी में फंसे कुल 28 ट्रकों में अब तक 12 ट्रको को निकाल लिया गया है। पहले जहां 8 ट्रक को निकाला गया था। वही कल से आज तक 4 और ट्रकों को निकाल लिया गया है। इस प्रकार 16 ट्रकें अभी भी सोन नदी में फंसे हुए हैं। स्थानीय स्तर पर ट्रक मालिक तथा बालू घाट के संचालक सभी मिलकर जेसीबी मशीन तथा पोकलेन मशीन के माध्यम से ट्रकों को निकाल रहे हैं। चुकी धीरे-धीरे सोन नदी में पानी का फ्लोर बढ़ रहा है। ऐसे में जैसे-जैसे देर हो रही है, खतरा बढ़ता जा रहा है। बता दें कि पिछले 5 से 6 दिनों से यह कवायद चल रही है। लेकिन अभी तक सभी ट्रकों को निकालने में सफलता नहीं मिली है। बता दे की नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशानुसार 30 जून तक ही सोन नदी से बालू का खनन करना था। जिसको लेकर बालू खनन करने वाली एजेंसी द्वारा आनन-फानन में खनन की जा रही थी। सोन नदी में बालू से रास्ता बनाकर ट्रकों को सोन नदी के बीच में भेज दिया गया था। ताकि अधिक से अधिक बालू की खनन हो सके। लेकिन दुर्भाग्य कि उसी दौरान सोन का जलस्तर बढ़ गया और ट्रकों के निकलने के लिए बनाया गया रास्ता भी पानी के तेज बहाव में बह गया। जिसके बाद सभी ट्रक फंस गए। बता दें कि सोन नदी के धारा को मोर कर बालू खनन की भी बात सामने आ रही है। सवाल उठता है कि ट्रकों को आखिर सोन नदी के बीच में क्यों भेजा गया? सोन के बीच में फंसे ट्रकों में ज्यादातर उत्तर प्रदेश की ट्रके हैं। खनन विभाग के तमाम गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाते हुए बालू की खनन की जा रही थी। लेकिन अचानक पानी भर जाने के कारण मामला बिगड़ गया और सभी ट्रक पानी में फंस गए।फ़ पिछले 1 सप्ताह से इन ट्रकों को निकालने की कवायद चल रही है। लेकिन अभी भी 14 ट्रक फंसे हुए है।