NEWSPR DESK- दो दिवसीय ‘स्वच्छता सारथी समारोह’ 30 सितंबर और 1 अक्टूबर 2022 को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली में आयोजित किया गया। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) के कार्यालय के ‘अपशिष्ट से धन प्राप्ति’ मिशन के स्वच्छता सारथी फेलोशिप (एसएसएफ) के पहले वर्ष के पूरे होने पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
आईआईटी दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान, सदस्यों (फेलो) द्वारा पिछले एक साल के कार्यों को पोस्टर/प्रोटोटाइप/पेपर/प्रस्तुतियों/उत्पादों के माध्यम से प्रदर्शनी में दिखाया गया। प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय में वैज्ञानिक सचिव ने प्रदर्शनी बूथों को देखने के क्रम में सदस्यों के साथ बातचीत की।
प्रदर्शनी के अलावा, छात्रों के लिए विभिन्न सत्र और कार्यशालाएं भी आयोजित की गईं, जिसमें श्रेणी ए सदस्यों (फेलो) के लिए फोल्डस्कोप माइक्रोस्कोपी कार्यशाला और श्रेणी बी और सी सदस्यों (फेलो) के लिए कार्बन क्रेडिट और सतत भविष्य पर एक सत्र शामिल थे।
कार्यक्रम के दूसरे दिन, सभी एसएसएफ के लिए नेहरू तारामंडल और राष्ट्रपति भवन संग्रहालय के भ्रमण का आयोजन किया गया। इसके बाद समापन समारोह का आयोजन हुआ, जहां आई.टी.सी. लिमिटेड के वेलबीइंग आउट ऑफ वेस्ट (वाव) कार्यक्रम के संचालन प्रमुख श्री विजय कुमार ने 21 सदस्यों (फेलो) में से प्रत्येक को 5000 रुपये की फेलोशिप राशि से सम्मानित किया और एक साथी को “वाव” कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर भी दिया।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, हरियाणा के प्रोफेसर डॉ. भगवान सिंह चौधरी, समापन समारोह के विशिष्ट अतिथि थे और उन्होंने विशेष रूप से भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय को विभिन्न आयु समूहों, विभिन्न राज्यों के सदस्यों (फेलो) के ऐसे समूह को एक प्लेटफार्म पर लाने के लिए धन्यवाद दिया, जहाँ वे एक-दूसरे से बहुत कुछ सीख सकते हैं।
समापन समारोह के दौरान, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय के सलाहकार/वैज्ञानिक ‘जी’ डॉ. मनोरंजन मोहंती ने पिछले वर्ष के दौरान किए गए अद्भुत कार्यों और अपशिष्ट का पुन: उपयोग, इसकी मात्रा में कमी लाना तथा इसके पुनर्चक्रण एवं इसे धन में परिवर्तित करने से जुड़े विभिन्न तरीकों को प्रदर्शित करने के लिए सभी सदस्यों (फेलो) को बधाई दी।
इन्वेस्ट इंडिया की उपाध्यक्ष सुश्री मलयज वर्मानी ने उल्लेख किया कि “हम अपने सदस्यों (फेलो) को प्रोत्साहित करते हैं और उनसे उम्मीद करते हैं कि वे अपने समुदायों के साथ संवाद बनाये रखें और बदलाव के दूत बनें तथा जीवन भर स्वच्छता सारथी बने रहें।”