NEWSPR डेस्क। मोतिहारी की धरती से देश की आज़दी का बिगुल फूंकने वाले महात्मा ग़ांधी ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि जिस तिरंगे के सम्मान के लिए जिस धरती से सत्याग्रह आंदोलन का शंखनाद कर पूरे भारत को आज़दी दिलवाने के काम किया था। उसी धरती पर एक दिन देश की आन बान व शान तिरंगे का घोर अपमान होगा लेकिन ऐसा हो रहा है और ये तस्वीर देख महात्मा गांधी सहित पूरा देश शर्मसार हो रहा है।
तस्वीर मोतिहारी के रविन्द्र नाथ मुखर्जी आर्युवेदिक कॉलेज प्रांगण की है। जहां कल ध्वजारोहण कार्यक्रम के दौरान कॉलेज के पफभरी प्राचार्य की घोर लापरवाही सामने आई है। जहां हमारे तिरंगे को प्राध्यापक सह प्रिंसपल ने उल्टा झंडा फहरा दिया है। तस्वीरें शिक्षा के मंदिर से निकली है। इसलिए ये ओर भी घोर निंदनीय है कि आखिर इस जिले के शिक्षा का मंदिर जब अपने तिरंगे को सही ढंग से नही फहरा सकते।
चकिया में भी खुले मैदान में तिरंगे को फेंक दिया गया है। वो भी एक दो तिरंगे को नहीं बल्कि दर्जनों तिरंगे को फेंक दिया गया है और इसे एक मजदूर द्वारा पैरों से रौंदा जा रहा है। वहीं वार्ड पार्षद ने झंडे के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटी सेकने के लिए इसी 15 अगस्त को पूरे वार्ड में झंडा लगवाया था ताकि आगामी चुनाव में उसे इसका फायदा मिल जाए। चकिया के वार्ड नंबर 21 पार्षद सिंधु श्रीवास्तव ने ये झंडा अपने वार्ड में अपने पुत्र अभिषेक राज सोनू के माध्यम से लगवाया था और अगले दिन झंडा को खुले आसमान में फेंक इसे मजदूरों के पैरों तले रौंदवाया जा रहा है।
वहीं तीसरी तस्वीर मोतिहारी के संग्रामपुर के एक गांव से आई है। जहां की महिला मुखिया बेबी कुमारी व ग्रामीणों की लापरवाही से देश की आन बान व शान तिरंगा फहराते ही जमीन पर आ गिरा। इस मामले की जानकारी जब मीडिया के माध्यम से जिलाधिकारी को हुई। तो उन्होंने इस मामले के त्वरित जांच के आदेश व दोष सिद्ध होने वाले लोगों पर उचित कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश जारी कर दिया है।
मोतिहारी से धर्मेंद्र कुमार की रिपोर्ट