चंदन पांडेय
गिरिडीहः सीएस सह सीओ के द्वार दिए गए सहिया आवासीय प्रशिक्षण 2014 में 45 लाख का एक घोटाला प्रकाश में आया है। उस कार्यक्रम में अपने हित के लिए सरकारी नियमों को दरकिनार कर आरटीआई के द्वारा बड़ी एक राशि गबन का भंडाफोड़ किया गया है।
इस सम्बंध में आरटीआई कर्ता रणधीर प्रसाद वर्मा के द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगे गए सूचना में 2014 में केडिया धर्मशाला पचम्बा में दिए गए सहिया आवासीय प्रशिक्षण का बिल फर्जी पाया गया है
संचालक ने कहा- बिल धर्मशाला का नहीं
चूंकि केडिया धर्मशाला के संचालक ख़ुद वाणिज्यकर अधिकारी को पत्र लिखकर अवगत कराया कि बिल फर्जी है, यह धर्मशाला का नही है एवं सन्तोष छपरिया नामक कोई केयर टेकर मेरे यहाँ नही है। जबकि ठहराव मद में 5,53000/ रुपये का भुगतान केयर टेकर के खाते में किया गया। भोजन मद के लिए कोटेशन /निविदा दिनक 03 /07 / 2014 को आमंत्रित की सूचना निकाली गई थी जिसका न्यूनतम दर निर्धारण 09/02/ 2015 को किया गया एवं 03/ 07/ 2014 से 09/02/ 2015 के बीच भोजन मद में 40,40,900 रुपये का भुगतान अपने हित के लिए सुनील कुमार पाठक के खाते में कागजी खानापूर्ति कर दिया गया।
तत्कालिक सीओ के कार्यकान में हुआ घोटाला
कुल 45,93,900 रुपये सरकारी राशि का गबन तत्कालीन सीएस सह सीओ डॉ सिद्धार्थ सन्याल एवं डीपीसी मनोज कुमार महतो के कार्यकाल में किया गया। इस बाबत आरटीआईकर्ता एक आवेदन देकर तत्कालीन आरोपितों पर सीएस सह सीओ एवं प्रतिलिपि : उपायुक्त गिरिडीह, विधायक गिरिडीह से जांच कर उचित कार्रवाई करते हुए जल्द से जल्द प्राथमिकी दर्ज करने की अपील की है, आरटीआई कर्ता ने कहा कि यदि आरोपितों पर जिलास्तरीय कोई करवाई नही हुई तो मुख्य सचिव झारखण्ड सरकार,विधान सभा सचिव,प्रधान सचिव स्वास्थ्य विभाग,एवं एसीबी झारखण्ड से त्वरित कार्रवाई की मांग की जाएगी।