UP – हाथरस कांड की जांच CBI ने अपने हाथ में कमान ली थी। इस मामले में UP सरकार ने 3 अक्तूबर को CBI से जांच कराए जाने का फैसला किया था। चार अक्तूबर को सरकार ने इसके लिए DOPT को निर्धारित प्रारूप में सिफारिश भेजी थी। शनिवार को डीओपीटी ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी। 14 सिंतबर को चार युवकों ने कथित रूप से 19 वर्षीय युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। पीड़िता ने 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
- 14 सितंबर को खेत में लड़की को किसने मारा?
- लड़की ने पहले दिन वाले बयान में अपने साथ कथित बलात्कार की बात क्यों नहीं की?
- पीड़िता ने आखिरी बयान में बलात्कार की बात की लेकिन मेडिकल रिपोर्ट इसके विपरीत क्यों है?
- 29 सितंबर को पीड़िता की मौत के बाद आनन-फानन में रात के अंधेरे में उसकी लाश क्यों जला दी गई?
ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जिसके जवाब सीबीआई को इस केस से ढूंढ़ने होंगे। सीबीआई को एसआईटी की अब तक की पड़ताल से मदद भी मिलेगी। लेकिन एक बड़ा पेच ये भी है कि पीड़िता के परिवार को सीबीआई जांच पर भरोसा ही नहीं है। पीड़ित परिवार बार-बार कह रहा है कि उन्हें सिर्फ न्यायिक जांच पर ही भरोसा है।
हाथरस में कथित गैंगरेप प्रकरण में रोज नए खुलासों के बीच शनिवार को संदग्धि नक्सल भाभी की एंट्री ने पुलिस-प्रशासन के पसीने छुड़ा दिए हैं। बीती चार से छह अक्तूबर के बीच पीड़िता के घर पर ही महिला की मौजूदगी को लेकर जहां सवाल उठ रहे हैं, वहीं परिजनों ने उसे अपनी दूर की रिश्तेदार बताया। बीती चार अक्तूबर तक पीड़िता के घर यह संदग्धि महिला मौजूद रही। इन तीन दिनों में इस महिला ने परिजनों से ज्यादा बढ़-चढ़कर आने-जाने वाले लोगों और मीडिया के सामने न्याय, कानून, संविधान आदि तर्कों के आधार पर अपनी बात रखी.