फागुन माह की शुक्ल अष्टमी से पूर्णिमा तक होलाष्टक का समय माना जाता है। इसमें आने वाले 8 दिनों का विशेष महत्व है। इन 8 दिनों के दौरान शादी विवाह गृह प्रवेश और नई दुकान कि शुरुवात करना या किसी भी शुभ कार्य को करना काफी शुभ माना जाता है।
फागुन मास की पूर्णिमा को होली का पर्व मनाया जाता है। जिसके साथ ही होलाष्टक की समाप्ति हो जाती है।होलाष्टक का आरंभ इस बार 27 फरवरी 2023 को सोमवार को हुआ तो वही यह समाप्त 7 मार्च को होगा।
होलाष्टक का समापन होलिका दहन से होता है क्योंकि इस बार 2 दिनों में होलिका दहन है इसलिए 6 और 7 दोनों ही दिन होलिका दहन मनाया जाएगा। इसके दूसरे दिन रंग और गुलाल के साथ में होली का त्योहार मनाया जाएगा। इसे लेकर अच्छी तैयारी है।
होलाष्टक की अवधि को साधना के कार्य अथवा भर्ती के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस वक्त केवल सब करना कि अच्छा कहा जाता है वही धर्म कर्म करना दान पुण्य करना शुभ माना जाता है।