NEWSPR डेस्क। बिहार में आज आज नहाय खाय के साथ चैती छठ महापर्व की शुरुआत हो गई है। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल में दो बार छठ का महापर्व मनाया जाता है। कार्तिक मास यानी अक्टूबर-नवंबर में पड़ने वाली छठ का अधिक महत्व है। वहीं पटना के घाटों पर लोग धूमधाम से इस पर्व को मना रहे। सभी महिलाएं एवं पुरुष गंगा स्नान करने पटना के घाटों पर पहुंचे हैं।
यह पर्व आज से शुरू होकर 8 अप्रैल को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समाप्त होता है। वहीं पटना के nit घाट पर महिलाएं नहाने के बाद एक दूसरे को सिंदूर लगा रही। इसके साथ ही छत पूजा में इस्तेमाल करने वाले सामग्री को भी गंगा नदी के पानी से साफ कर रहे। बता दें कि नहाय-खाय के दिन भोजन में लौकी की सब्जी और चने की दाल विशेष तौर पर बनाई जाती है। इसमें सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जाता है। छठ पूजा के पहले दिन को नहाय-खाय इसलिए कहा जाता है क्योंकि व्रत से पहले स्नान आदि के बाद भोजन किया जाता है
चैती छठ को लेकर कहा जाता कि चैती छठ रखने से सूर्य की बहन छठी मैया प्रसन्न होती है और यह परिवार में सुख-शांति और धन-धान्य बढ़ाने में मदद करता है। कार्तिक मास की छठ के आधार में चैती छठ को काफी कम लोग जानते हैं। इस दिन लोग कृत्रिम तालाब में ही अर्घ्य करके सूर्य की उपासना करते हैं।