NEWSPR DESK- गया। बिहार के गया ज़िला के डुमरिया प्रखंड के ग्राम पंचायत सेवरा के पचमह गांव में बीते शनिवार को डायन के आरोप में महिला को ज़िंदा जलाते हुए घर मे रखे खाने के अनाज के साथ प्रयोगिक समान को भी जला दिया गया था।
बुधवार को गया एसएसपी हरप्रीत कौर घटना स्थल का जायजा लिया। और पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर घटित घटना की तफशील से जानकारी लिया। साथ ही ततकाल पीड़ित के पुत्रों की निजी रूप से आर्थिक मदद किया। और मौके पर पहुँचे शेरघाटी एसडीओ से भी बात कर तत्काल मुआवजे दिलाने के लिए सिफारिश किया। साथ साथ कुछ आरोपितों का एफआईआर में नाम छूट गया था।
जिसमें पीड़ित परिवारों से छूटे नामों की लिखित में मांगते हुए इमामगंज एसडीपीओ मनोज राम को नाम जोड़ने के लिए निर्देशित किया। साथ साथ यह भी कहा के जिस प्रकार से मामला सामने आरहा है के स्थानिय जनप्रतिनिधियों द्वारा विश्वास में लेकर पंचायत बोलाया गया था। उसपर भी जांच चल रही है।
अगर किसी का भी इस मामले में हाथ होगा तो बख्शा नही जाएगा। आपको बतादें की अबतक घटना का मुख्य कारण किसी को नहीं पता चल पाया है। इसमें पुलिस भी अबतक घटना के मुख्य कारण से वंचित है। पीड़ित परिवार के अनुसार घटना की तफसील से आपको बतादूँ की मृतिका रीता देवी उर्फ हेमंती देवी पति अर्जुन दास इमामगंज प्रखंड के ग्राम पंचायत झिकटिया के पटेल गांव के रहने वाली थी। गोतिया में अधिक सदस्य होने के कारण घर से करीब एक किलोमीटर दूर पर डुमरिया प्रखंड के शेवरा पंचायत के पचमह गांव में नए घर का निर्माण कर रह रही थी। उनका देखा देखी करीब वहां पर दर्जनों लोग आकर घर बनाने लगे। जिसमें एक विश्वकर्मा समाज के भी थे। उनसे छज्जा निकालने की लड़ाई रीता देवी से शुरू हुई। तभी विश्वकर्मा जी देखें कि रीता ऐसे नहीं मानेगी इसके खिलाफ कुछ करना होगा।
जिसके बाद गांव में एक माँझी समाज मे एक लड़के की डेथ हो जाती है। जिसे विश्कर्मा जी उसे जाकर कहते हैं। रीता भूत लगा दी है। इसके बाद रीता और चन्दरदेव माँझी के बीच विवाद चला। दरअसल चन्दरदेव माँझी मृतिका रीता देवी के घर के पीछे शराब सेवन करने आया करते थे। उसके बाद वे रीता को गाली गलौज करने लगे। फिर धीरे धीरे मामला बढ़ता गया। जो इलाके के मानिंद लोगों जनप्रतिनिधियों के पास चला गया।
जिसके बाद स्थानिय जनप्रतिनिधियों ने देखा ये लड़ाने का अच्छा मौका है। इस मौके में हमलोग सफल हुए तो जोभी वहां पर घर बना रहे हैं। उनको वहां से घर से बाहर कर देंगे। और उनलोगों की ज़मीन को डिसमिल के हिसाब से महंगी भूमि बेचेंगे। क्योंकि वे सब बिहार सरकार है। उसका पेपर बनाकर अच्छा इनकम कर सकते हैं। जनप्रतिनिधियों की ये सोच ने इस लड़ाई को अंधविश्वास में डालकर रीता की जान का सौदा करा दिया। जो अबतक किसी ने भी इस घटना को गहराई से नहीं जांच किया है। अगर पुलिस प्रशासान इसकी गहराई से जांच करेगी तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।
जनप्रतिनिधियो ने तो अपनी मनसा में तो सफल हो गए। लेकिन पुलिस अबतक घटना के पीछे की कहानी से वंचित है। मौके पर ज़िप सदस्य पर्वती देवी, बिरेन्द्र दाँगी, ज़िप सदस्य डुमरिया, फकीरचंद दास,हम नेता मनप्रीत दास,जित्तू सिंह आदि लोग मौजद थे।