प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अपनी बात रखी. शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने शुरुआती संबोधन दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तीन-चार साल के विचार-मंथन के बाद नई शिक्षा नीति को मंजूरी मिली है. आज हर विचारधारा के लोग इस मसले पर मंथन कर रहे हैं. आज इस नीति का कोई विरोध नहीं कर रहा है, क्योंकि इसमें कुछ भी एक तरफा नहीं है. अब लोग सोच रहे हैं कि इतने बड़े रिफॉर्म को जमीन पर कैसे उतारा जाएगा. PM ने कहा कि ये सिर्फ कोई सर्कुलर नहीं बल्कि एक महायज्ञ है, जो नए देश की नींव रखेगा और एक सदी तैयार करेगा.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को आश्वासन दिया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूरी तरह से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा किअलग-अलग क्षेत्रों और विचारधाराओं के लोग इस पर अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये एक स्वस्थ चर्चा है, ये जितनी ज्यादा होगी, उतना ही लाभ देश की शिक्षा व्यवस्था को मिलेगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय और यूजीसी की ओर से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 21वीं सदी के नए भारत की नींव रखेगी। अभी तक हमारी शिक्षा व्यवस्था में ‘क्या सोचना है’ पर ध्यान केंद्रित रहा, जबकि नई शिक्षा नीति में ‘कैसे सोचना है’ पर बल दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर संतुष्टि जताई कि देश के किसी भी क्षेत्र या वर्ग से भेदभाव संबंधी कोई शिकायत नहीं आई।
क्रिएटिव विचारों को मिलेगा बढ़ावा
प्रधानमंत्री बोले कि आज जब नर्सरी का बच्चा भी नई तकनीक के बारे में पढ़ेगा, तो उसे भविष्य की तैयारी करने में आसानी मिलेगी. कई दशकों से शिक्षा नीति में बदलाव नहीं हुआ था, इसलिए समाज में भेड़चाल को प्रोत्साहन मिल रहा था. अब युवा क्रिएटिव विचारों को आगे बढ़ा सकेगा, अब सिर्फ पढ़ाई नहीं बल्कि वर्किंग कल्चर को डेवलेप किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज कोई व्यक्ति पूरे जीवन में एक ही प्रोफेशन पर नहीं रहता है, ऐसे में उसे लगातार कुछ सीखने की छूट होनी चाहिए. देश में ऊंच-नीच का भाव, मजदूरों के प्रति हीन भाव क्यों पैदा हुआ. आज बच्चों को पढ़ने के साथ-साथ देश की हकीकत भी जाननी जरूरी है. भारत आज टैलेंट-टेक्नोलॉजी का समाधान पूरी दुनिया को दे सकता है, टेक्नोलॉजी की वजह से गरीब व्यक्ति को पढ़ने का मौका मिल सकता है।
नई शिक्षा नीति के प्रति पूरी प्रतिबद्धता जताते हुए पीएम मोदी ने आश्वासन दिया कि इसे पूरी तरह से लागू किया जाएगा।
यह है खास बातें
- पीएम मोदी ने कहा कि जब किसी संस्थान को मजबूत करने की बात होती है, तो ऑटोनॉमी पर चर्चा होती है। एक वर्ग कहता है कि सबकुछ सरकारी संस्थान से मिलना चाहिए, दूसरा कहता है सब कुछ ऑटोनॉमी के तहत मिलना चाहिए। लेकिन अच्छी क्वालिटी की शिक्षा का रास्ता इसके बीच में से निकलता है, जो संस्थान अच्छा काम करेगा उसे अधिक रिवॉर्ड मिलना चाहिए। शिक्षा नीति के जरिए देश को अच्छे छात्र, नागरिक देने का माध्यम बनना चाहिए।
- पीएम ने कहा, देश में ऊंच-नीच का भाव और मजदूरों के प्रति हीन भाव क्यों पैदा हुआ? आज बच्चों को पढ़ने के साथ-साथ देश की हकीकत भी जाननी जरूरी है। भारत आज टैलेंट व टेक्नोलॉजी का समाधान पूरी दुनिया को दे सकता है। टेक्नोलॉजी की वजह से गरीब व्यक्ति को पढ़ने का मौका मिल सकता है।
- पीएम मोदी ने कहा कि ये खुशी की बात है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद देश के किसी भी क्षेत्र से, किसी भी वर्ग से ये बात नहीं उठी कि इसमें किसी तरह का भेदभाव है, या किसी एक ओर झुकी हुई है। यह संकेत है कि लोग वर्षों से चली आ रही शिक्षा प्रणाली में बदलाव चाहते थे।