NEWSPR /DESK :देहरादून: उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री चुने गए पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को शपथ ली। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने धामी को पद औऱ गोपनीयता की शपथ दिलाई। उत्तराखंड के ग्याहरवें मुख्यमंत्री बने पुष्कर सिंह धामी के साथ सतपाल महारा, हरक सिंह रावत, बंसीधर भगत और यशपाल आर्या ने मंत्रीपद की शपथ ली। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने अरविंद पांडेय और गणेश जोशी को भी मंत्रीपद की शपथ दिलाई। रेखा आर्य, डॉ. धनसिंह रावत और यतीश्वरानंद ने भी मंत्रीपद की शपथ ली।
शपथ ग्रहण से पहले पूर्व मुख्यमंत्री से मुलाकातमिली जानकारी के मुताबिक शपथ ग्रहण से पहले पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात की। ये एक शिष्टाचार मुलाकात थी। धामी ने पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुलाकात की। बता दें कि शनिवार को उत्तराखंड बीजेपी अध्यक्ष मदन कौशिक के आवास पर बीजेपी विधायक दल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद धामी ने पार्टी के अन्य नेताओं के साथ राजभवन जाकर बेबी रानी मौर्य से मुलाकात की और उनको सरकारी बनाने संबंधी प्रस्ताव सौंपा था।
खटीमा सिंह से दो बार विधायक रहे पुष्कर सिंहउधमसिंह नगर जिला स्थित खटीमा विधानसभा सीट से दो बार विधायक चुने गए 45 वर्षीय पुष्कर सिंह धामी राज्य के सबसे युवा मुख्यमंत्री बन गए हैं। शुक्रवार से जारी सियासी घमासान के बीच शनिवार शाम को पुष्कर सिंह धामी को विधायक दल का नेता चुना गया। धामी को तीरथ सिंह रावत की जगह उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया गया। बता दें कि 10 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार देर रात प्रदेश में संवैधानिक संकट का दवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि तीरथ सिंह रावत को छह महीने में विधानसभा की सदस्यता लेनी थी। कोरोना संकट की वजह से हाल में उपचुनाव होने की संभावना नहीं थी। यही वजह थी कि उनको पद से इस्तीफा देना पड़ा।
शुक्रवार को धामी को चुना गया विधायक दल का नेताशनिवार को दोपहर तीन बजे उत्तराखंड बीजेपी के अध्यक्ष मदन कौशिक के आवास पर बीजेपी विधायकों की बैठक बुलाई गई थी। वहां कई नामों पर चर्चा की गई और आखिरकार पुष्कर सिंह धामी को विधायक दल का नेता चुन लिया गया। लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान एबीवीपी से राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले पुष्कर सिंह धामी पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के सलाहकार रहे। साल 2012 में धामी ने पहले बार खटीमा सिंह से विधायकी जीती। साल 2017 में दोबारा इसी सीट से विधायक चुने गए। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि 2022 के विधानसबा चुनाव को देखते हुए बीजेपी आलाकमान ने पुष्कर सिंह धामी को सीएम बनाया ताकि युवा वोटरों को साधा जा सके।