14 साल का अंकुश कसरत करते-करते हार गया जिंदगी से …

Jyoti Sinha

सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर के सैनीटोला से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने हर किसी को झकझोर दिया। महज 14 साल का अंकुश कुमार, जो रोज़ाना कसरत करके खुद को फिट रखने की कोशिश करता था, अचानक मौत की आगोश में समा गया।

सुबह तक जिस घर में हंसी-खुशी का माहौल था, कुछ ही घंटों में वहां मातम छा गया। पिता उत्तम लाल यादव का सपना था कि उनका बेटा पढ़ाई और स्वास्थ्य दोनों में आगे बढ़े। लेकिन विडंबना यह रही कि फिटनेस के लिए किए गए पुश-अप्स और कसरत ही उसकी आखिरी कसरत साबित हुई।

बताया जाता है कि छज्जे से लटककर व्यायाम करते समय अंकुश के कंधे में तेज़ दर्द उठा और अचानक उसकी सांसें थम गईं। आनन-फानन में परिजन उसे अनुमंडलीय अस्पताल लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने काफी प्रयास किया, लेकिन जीवन की डोर टूट चुकी थी।

मौत की खबर से पूरा इलाका स्तब्ध रह गया। मां संतोषी देवी का विलाप सुनकर हर किसी की आंखें नम हो गईं। दो भाइयों में सबसे बड़े अंकुश का यूं अचानक चले जाना परिवार के लिए असहनीय सदमा बन गया।

घटना की सूचना पर स्थानीय जनप्रतिनिधि भी पहुंचे। सांसद प्रतिनिधि रितेश रंजन और विधायक युसूफ सलाउद्दीन ने परिजनों को ढांढस बंधाया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी आशीष कुमार ने बताया कि अंकुश को अस्पताल लाए जाने तक उसकी हालत नाज़ुक थी और तमाम कोशिशों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका।

यह सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं है, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है। कम उम्र में हृदयाघात और कार्डियक अरेस्ट जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं। जिस उम्र में बच्चे खेल और पढ़ाई में डूबे रहने चाहिए, उसी उम्र में दिल का दौरा पड़ना हमारी बदलती जीवनशैली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

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