2024 तक माल ढुलाई दोगुना करने का लक्ष्य, जानिए क्या है रेलवे का प्लान

Sanjeev Shrivastava

पटना डेस्कः रेल मंत्रालय वर्ष 2024 तक माल ढुलाई दोगुना करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर काम कर रहा है। इसके तहत् सड़क मार्ग से की जा रही मालों की ढुलाई को रेलमार्ग की ओर आकर्षित करने के लिए रेल मंत्रालय ने क्षेत्रीय रेल और मंडल स्तर पर ‘‘बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट‘‘ स्थापित करने का निर्णय लिया है।

यह है रेलवे का प्लान

यह यूनिट रेल के बदले सड़क मार्ग से सामानों के परिवहन को उत्सुक व्यावसायिक संगठन/उद्योगपतियों से संपर्क स्थापित करते हुए माल ढुलाई से जुड़ी रेलवे की आकर्षक योजनाओं से अवगत कराएंगे, ताकि वे अपने सामानों का परिवहन सड़क मार्ग के बदले रेलमार्ग से करवा सकें। माल ढुलाई के लिए भारतीय रेल सड़क मार्ग की तुलना में सस्ता, विश्वसनीय एवं सुरक्षित परिवहन की सुविधा उपलब्ध करा रहा है, जिससे माल व्यापारी स्वतः भी आकर्षित हो रहे हैं। रेल के माध्यम से इन वस्तुओं के परिवहन से लागत तो कम आएगी ही साथ ही यह पर्यावरण अनुकूल भी होगा।

रेल मंत्रालय के निर्देश के आलोक में पूर्व मध्य रेल द्वारा इसके सफल कार्यान्वयन के लिए मुख्यालय एवं मंडल स्तर पर एक बहुविषयक “बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट” (बी.डी.यू.) का गठन किया जा रहा है । इसी कड़ी में पूर्व मध्य रेल द्वारा बी.डी.यू. के गठन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है । इस यूनिट में वाणिज्य विभाग, यांत्रिक विभाग परिचालन विभाग एवं वित्त विभाग से एक-एक वरिष्ठ उच्चाधिकारी सहित कुल 04 वरिष्ठ अधिकारी होंगे । को-ऑर्डिनेटर की जिम्मेवारियों का निर्वहन मुख्यालय स्तर पर मुख्य माल यातायात प्रबंधक (सी.एफ.टी.एम.) तथा मंडल स्तर पर वरिष्ठ मंडल परिचालन पबंधक करेंगे ।

इनको सौंपी गई है जिम्मेदारी

बी.डी.यू में मुख्यालय स्तर पर मुख्य माल यातायात प्रबंधक (सी.एफ.टी.एम.), प्रधान वित्त सलाहकार, मुख्य वाणिज्य प्रबंधक (एफ.एम) तथा मुख्य रॉलिंग स्टाक इंजीनियर (कोचिंग) जबकि मंडल स्तर पर वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक, वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर एवं वरिष्ठ मंडल वित्त प्रबंधक होंगे। सड़क मार्ग के बदले रेलमार्ग द्वारा माल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए बी.डी.यू. के कोर्डिनेटर अपनी टीम के साथ व्यापार एवं उद्योग समूह अथवा संगठनों से निरंतर सम्पर्क में रहेंगे ताकि प्राप्त प्रस्तावों को शीघ्रता से क्रियान्वित करते हुए इसे प्राथमिकता से लागू किया जा सके।

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