25 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूरों वाले 116 जिलों में पीएम ने की ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ की शुरुआत, गांव में मिलेगा काम

Sanjeev Shrivastava

पटना डेस्क

पटनाः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 6 राज्यों के 116 जिलों में ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ की शुरुआत की है। इस योजना को राज्यों के उन जिलों में संचालित किया जाएगा, जिनमें प्रवासी कामगारों की संख्या 25 हजार से ज्यादा है। इसके तहत मजदूरों को 125 दिनों के लिए काम मिलेगा। सरकार की ओर से मजदूरों को रोजगार देने के लिए 50 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

शहीदों को किया याद

कार्यक्रम की शुरुआत करने से पहले पीएम मोदी ने लद्दाख में शहीद हुए जवानों की पराक्रम की चर्चा करते हुए कहा,”लद्दाख में हमारे वीरों ने जो बलिदान दिया है, मैं गौरव के साथ इस बात का जिक्र करना चाहूंगा कि ये पराक्रम बिहार रेजीमेंट का है, हर बिहारी को इसका गर्व होता है। जिन सैनिकों ने अपना बलिदान दिया है उन्हें मैं श्रद्धांजलि देता हूं।”

बिहार के खगड़िया जिले से इस योजना की शुरुआत की गई

पीएम मोदी ने रिमोट के जरिए गरीब कल्याण योजना का शुभारंभ किया। इससे पहले उन्होंने तमाम लोगों से बातचीत की और उनके काम के बारे में जाना. पीएम मोदी ने उनकी भविष्य की योजनाओं के बारे में भी जानकारी ली। इसके साथ ही सभी को हर संभव मदद देने का आश्वासन भी दिया। इस योजना की शुरुआत बिहार के खगड़िया जिले से की गई है।

कोरोना वायरस पर भी बोले पीएम

कोरोना वायरस पर पीएम मोदी ने कहा, ”आज आप सभी से बात करके कुछ राहत भी मिली है और संतोष भी मिला है। जब कोरोना महामारी का संकट बढ़ना शुरू हुआ था, तो आप सभी, केंद्र हो या राज्य सरकार, दोनों की चिंताओं में बने हुए थे। इस दौरान जो जहां था वहां उसे मदद पहुंचाने की कोशिश की गई। मोदी ने आगे कहा, ”कोरोना का इतना बड़ा संकट, पूरी दुनिया जिसके सामने हिल गई, सहम गई, लेकिन आप डटकर खड़े रहे. भारत के गावों में तो कोरोना का जिस तरह मुकाबला किया है, उसने शहरों को भी बहुत बड़ा सबक दिया है। सोचिए, 6 लाख से ज्यादा गांवों वाला हमारा देश, जिनमें भारत की दो-तिहाई से ज्यादा आबादी, करीब-करीब 80-85 करोड़ लोग जहां रहते हैं, उस ग्रामीण भारत में कोरोना के संक्रमण को आपने बहुत ही प्रभावी तरीके से रोका है।”

पीएम ने कहा कि आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है। आज गरीब के कल्याण के लिए, उसके रोजगार के लिए एक बहुत बड़ा अभियान शुरू हुआ है। ये अभियान समर्पित है हमारे श्रमिक भाई-बहनों के लिए, हमारे गांवों में रहने वाले नौजवानों-बहनों-बेटियों के लिए। पीएम ने कहा कि इनमें से ज्यादातर वो श्रमिक हैं जो लॉकडाउन के दौरान अपने घर वापस लौटे हैं। वो अपनी मेहनत और हुनर से अपने गांव के विकास के लिए कुछ करना चाहते हैं. वो जब तक अपने गांव में हैं, अपने गांव को आगे बढ़ाना चाहते हैं। आज खगड़िया से शुरू हो रहा गरीब कल्याण रोज़गार अभियान इसी भावना, इसी जरूरत को पूरा करने का बहुत बड़ा साधन है।

50 हज़ार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे

पीएम ने कहा कि गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के तहत आपके गांवों के विकास के लिए, आपको रोजगार देने के लिए 50 हज़ार करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं.इस राशि से गांवों में रोजगार के लिए, विकास के कामों के लिए करीब 25 कार्यक्षेत्रों की पहचान की गई है। ये 25 काम या प्रोजेक्ट्स ऐसे हैं, जो गांव की मूलभूत सुविधाओं से जुड़े हैं, जो गांव के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए हैं. ये काम अपने ही गांव में रहते हुए, अपने परिवार के साथ रहते हुए ही किए जाएंगे। अब जैसे, खगड़िया के तेलिहार गांव में आज से आंगनबाड़ी भवन, सामुदायिक शौचालय, ग्रामीण मंडी और कुआं बनाने का काम शुरू किया किया जा रहा है. 

आधुनिक सुविधाओं से भी गांवों को जोड़ा जाएगा

इसके तहत अलग-अलग गांवों में कहीं गरीबों के लिए पक्के घर भी बनेंगे, कहीं वृक्षारोपण भी होगा, कहीं पशुओं को रखने के लिए शेड भी बनाए जाएंगे। पीने के पानी के लिए, ग्राम सभाओं के सहयोग से जल जीवन मिशन को भी आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा। ये तो वो काम हैं जो गांव में होने ही चाहिए।

हुनर की पहचान, कौशल के मुताबिक आपको काम मिलेगा काम

पीएम ने कहा कि यही नहीं, आप सभी श्रमिकों, आप सभी के हुनर की मैपिंग की भी शुरुआत की गई है। यानि कि, गांव में ही आपके हुनर की पहचान की जाएगी, ताकि आपके कौशल के मुताबिक आपको काम मिल सके. आप जो काम करना जानते हैं, उस काम के लिए जरूरतमंद खुद आपके पास पहुंच सकेगा।

योजना से डेढ़ लाख मजदूरों को मिलेगा फायदा

सीतारमण ने कहा, ‘इस योजना के लिए बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओड़िशा के 116 जिलों में प्रत्येक राज्य से 25-25 हज़ार श्रमिकों को चुना गया है। इन जिलों में करीब 66 प्रतिशत मजदूर वापस लौटे हैं।’ इस योजना के तहत मजदूरों को 125 दिनों के लिए रोजगार दिया जाएगा. बताया जा रहा है कि मजदूरों को रोजगार देने के लिए 25 अलग-अलग तरह के कामों पर धयान केंद्रित किया जा रहा है। इस योजना में 50 हज़ार करोड़ के संसाधन लगाए जाएंगे।

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