एक्सक्लूसिव/ विक्रांत
पटनाः 30 साल से किराए के मकान में चल रहे सेंट्रल बैंक की शाखा में बिना किसी अवकाश या बिना कोरोना का मामला सामने आए बंद कर दिया गया। ग्राहक भी इस बात से हैरान हो गए कि आखिरकार ऐसा क्या हुआ कि बैंक में ताला लटक गया। लेकिन, बैंक बंद होने की जो वजह सामने आई, वह बेहद ही चौंकानेवाली थी।
मामला पटना के शास्त्री नगर थाना क्षेत्र का है। जहां एक आईएएस अधिकारी केडीपी सिंह के आवास में 30 साल से सेंट्रल बैंक की शाखा का संचालन हो रहा है। बुधवार को स्थानिय लोगों ने बैंक के गेट में ताला जड़ दिया। जैसा कि आम तौर पर किराया नहीं देने पर अक्सर ऐसी बात सामने आती है, पर यहां मामला कुछ और ही है।
वायु प्रदूषण को बताया कारण
मकान मालिक मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि लंबे समय से बैंक प्रबंधन द्वारा जेनरेटर का संचालन किया जा रहा है। जिसके कारण इलाके में न सिर्फ वायू प्रदूषण फैल रहा है, बल्कि ध्वनि प्रदूषण भी हो रहा है। उन्होंने कहा कि जेनरेटर से होनेवाले प्रदूषण को लेकर लोगों ने बैंक प्रबंधन से दूसरी वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की गई थी। यहां तक कि बैंक के रिजनल ऑफिसर को भी इसकी जानकारी दी गई थी, लेकिन इसके बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना
मकान मालिक ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के नियमानुसार आबादी वाले क्षेत्र में इस तरह प्रदूषण फैलाना अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है। इसके बावजूद भी बैंक के अधिकारी इसको दरकिनार कर रहे हैं। ऐसे में बैंक में ताला लगाना ही एकमात्र विकल्प रह गया है।
चलता है शराब का दौर
राज्य में शराब बेचने और पीने पर प्रतिबंध है। नियम में किसी सरकारी संस्थान में भी शराब पीना वर्जित है। लेकिन सेंट्रल बैंक की शाखा में यह सारी बातें बेमानी नजर आती है। लोगों का कहना है कि यहां के कर्मी ऑफिस में ही शराब पीते हैं। फिलहाल मामले पर कोई भी बैंक अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है।