News PR Live
आवाज जनता की

3000 जूनियर डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा, विभिन्न मांगों को लेकर कर रहे थे हड़ताल, हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में जल्द देंगे चुनौती

- Sponsored -

- Sponsored -

NEWSPR डेस्क। हाईकोर्ट द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर तीन दिन पहले हड़ताल पर गए छह सरकारी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों को 24 घंटे में काम पर वापस लौटने के गुरुवार को दिए. आदेश के कुछ घंटों बाद ही करीब 3,000 जूनियर डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। मध्य प्रदेश जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जेडीए) के अध्यक्ष अरविंद मीणा ने बताया कि प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेजों के करीब 3,000 जूनियर डॉक्टरों ने गुरुवार को अपने-अपने मेडिकल कॉलेजों के डीन को सामूहिक इस्तीफा दे दिया है।

- Sponsored -

- Sponsored -

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने तीसरे वर्ष के जूनियर डॉक्टर्स के इनरोलमेंट रद्द कर दिए हैं इसलिए अब हम परीक्षा में कैसे बैठेंगे। स्नातकोत्तर (पीजी) कर रहे जूनियर डॉक्टर्स को तीन साल में डिग्री मिलती है, जबकि दो साल में डिप्लोमा मिलता है। मीणा ने कहा हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए हम जल्द सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन एवं फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन भी हमारे साथ आ रहे हैं। मीणा ने दावा किया कि छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु सहित सभी राज्यों, एम्स एवं निजी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टर एवं सीनियर डॉक्टर भी हमारा समर्थन करेंगे।

मालूम हो कि मध्य प्रदेश में महामारी के बीच छह सरकारी मेडिकल कॉलेज भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सागर एवं रीवा के लगभग 3,000 शासकीय जूनियर डॉक्टर अपनी छह मांगों को लेकर सोमवार से हड़ताल पर हैं। जूनियर डॉक्टर सरकार से मुख्य तौर पर उनका मानदेय बढ़ाने और कोरोना संक्रमण होने पर उन्हें व उनके परिवार के लिए मुफ्त इलाज की मांग कर रहे हैं। मीणा ने दावा किया कि प्रदेश सरकार ने 28 दिन पहले 6 मई को उनकी मांगों को पूरा करने का वादा किया था लेकिन तब से इस मामले में कुछ नहीं हुआ है।

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

Comments are closed.