NEWSPR डेस्क। मुंगेर में 29 वर्ष तक लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद एक पुत्र ने अपनी मां के हत्यारों को सजा दिलाने में आखिरकार सफल रहा। इस दौरान कई आरोपियों की मौत भी हो गई। लेकिन, जो आरोपी जीवित बचें है उनकी अब जीवन काल कोठरी में बीतेगी। जिसमें तीन आरोपियों की उम्र 65 वर्ष से अधिक है।
मामला जमालपुर थाना के छोटी केशोपुर मुहल्ला का है। जहां 29 साल पहले कथित डायन का आरोप लगाकर वृद्ध महिला सखीचन्द देवी को किरोसिन एवं पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया गया था। जमालपुर, छोटी केशोपुर के निवासी जागेशवर साह की बेटी आशा की मौत हो गई। मृतक के परिजनो एवं शुभचिंतकों को आशंका हुई कि मोहल्ला के वृद्ध महिला सखीचन्द देवी कथित डायन की ही करतूत है। मृतक आशा को वे जीवित कर सकती है। इसी उम्मीद से अभियुक्तगण 11 अक्टूबर 1993 को सुबह 6 बजे मृतक के घर में जा कर हंगामा किया ।फिर आरोपियों ने मृतक आशा को जीवित करनें की बात कही। इंकार करने पर आरोपियों ने सखीचन्द देवी को घर से निकाल कर सड़क पर लाया और वृद्ध महिला के शरीर पर मिट्टी तेल और पेट्रोल डालकर आग लगा दिया। इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई ।
इस मामले में एडीजे प्रथम अनुराग ने चार दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। जिसमें वृद्ध पति पत्नी सहित अन्य एक पुरुष और एक वृद्ध महिला शामिल है। वहीं इस मामले में अभियोजन पक्ष के एपीपी सुशील कुमार सिन्हा ने बताया कि एडीजे अनुराग के न्यायालय में सत्रवाद संख्या 465/94 और जमालपुर कांड संख्या 140/93 में सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई । न्यायालय ने अभियोजन एवं बचाव पक्ष के दलील सुनने के बाद चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई एवं एक -एक हजार रूपये का अर्थदंड भी लगाया। उन्होंने बताया कि इस मामले में शामिल जमालपुर थाना क्षेत्र के छोटी केशोपुर निवासी राजू साह कि पत्नी मीरा देवी ,उमेश साह ,प्रकाश साह एवं मंजू देवी को सजा मिली।
मुंगेर से मो.इम्तियाज की रिपोर्ट