PATNA ; बिहार में सुशासन का दावा करने वाले नीतीश सरकार में अधिकारी मस्त और जनता त्रस्त है। जिसका नतीजा है कि प्रदेश में अधिकारी बेझिझक रिश्वत की मांग कर लेते हैं और कई इस रिश्वत खोरी में सफल भी हो जाते हैं। लेकिन बक्सर समहारणालय में लेखा पदाधिकारी धर्मेंद्र कुमार को रिश्वत मांगना महंगा पड़ गया।
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दरअसल बक्सर समाहरणालय से लेखा पदाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने मनरेगा कार्यकर्म के तहत 1 लाख कार्यक्रम का रिश्वत मांगा जिसकी जानकारी होते ही राजधानी से आई निगरानी की टीम ने डीडीसी का लेखा पदाधिकारी को 50 हजार रूपए के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया।
वहीं पूरे मामले की जानकारी देते हुए निगरानी डीएसपी सर्वेश कुमार सिंह ने बताया कि बक्सर डीडीसी का लेखा सहायक धर्मेंद्र कुमार पंचायत रोजगार सेवक से मनरेगा योजना की जांच में क्लीनचिट देने के नाम पर एक लाख रू की मांग किया था। लेकिन 50 हजार रू में सौदा तय हुआ। लेकिन सौदा तयकर पंचायत रोजगार सेवक ने इसकी शिकायत निगरानी से की। वहीं निगरानी विभाग की टीम ने नाटकीय ढंग से तैयारी कर लेखा अधिकारी को रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया।
निगरानी डीएसपी ने बताया कि पंचायत सेवक ने आरोप में कहा है कि डीडीसी ने ही उक्त लेखा सहायक से मिलने को कहा था।जब वहां गया तो एक लाख रू की मांग की गई।निगरानी डीएसपी ने बताया कि पूरे मामले में डीडीसी की भूमिका की भी जांच होगी।