DESK: कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में वैज्ञानिकों ने एक बार फिर से कोरोना को लेकर नई तरह से स्टडी की जिसमें नतीजे बेहद ही चिंताजन पाए गए है. पिछले कई महीनों से वैज्ञानिक इस बात का दावा करते आ रहे हैं कि कोरोना वायरस मरीज के सांस और मुंह से निकलने वाले माइक्रोड्रॉपलेट्स में भी हो सकता है लेकिन अब तक इस बात के कोई सबूत नहीं थे कि ये बेहद छोटे कण भी संक्रामक हो सकते हैं. लेकिन नई स्टडी में ये सबकुछ क्लियर हो गया है कि कोरोना वायरस अब हवा के जरिये भी फैलता है.
नई स्टडी में इस धारणा को पुख्ता करती है कि खांसने और छींकने से ही नहीं बल्कि सामान्य तौर पर बोलने और सांस लेने से भी कोरोना वायरस फैल सकता है. इतना ही नहीं ये संक्रामक वायरस छह फीट की दूरी से ज्यादा में भी फैल सकता है. आपको बता दें कि सोशल डिस्टेंसिंग के लिए छह फीट की दूरी रखने की गाइडलाइन्स हैं.