NEWSPR डेस्क। बिहार के बक्सर जिले में पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व के मेले की शुरुआत हो गई है। इस मेले को पंचकोसी परिक्रमा मेला के नाम से जाना जाता है। मेले के पहले दिन श्रद्धालु अहिरौली में देवी अहिल्या का पूजन कर पुआ-पकवान का भोग लगाएंगे। उसके बाद रात्रि विश्राम करेंगे। उत्तरायणी गंगा के तट पर बसा बक्सर शहर अपने आप में पौराणिक महत्व को समेटे हुए है। बक्सर को भगवान श्रीराम की कर्मस्थली के रूप में भी जाना जाता है।
शहर में महर्षि विश्वामित्र का आश्रम भी है। जहां आज भी पर्यटक जाते हैं। ऐसे में यहां लगने वाला सुप्रसिद्ध पंचकोसी परिक्रमा मेला भी सबके आकर्षण का मुख्य केंद्र है। आज से पांच दिनों तक चलने वाला ये मेला अहिरौली में देवी अहिल्या की अराधना से शुरू होता है और चरित्रवन में लिट्टी-चोखा के साथ खत्म होता है। कहा जाता है कि ये परंपरा त्रेतायुग से चली आ रही है।
भगवान राम ने बनाया लिट्टी-चोखा
ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीराम जब महर्षि विश्वामित्र के कहने पर बक्सर आए थे। उन्होंने ऋषि-मुनियों के यज्ञ में बाधा उतपन्न करने वाली ताड़का का वध किया था। उसके बाद नारी हत्या के दोष से मुक्ति पाने के लिए भगवान ने पांच कोस की परिक्रमा की। जिसे पंचकोसी परिक्रमा कहा जाता है। तब से लेकर आज तक ये परंपरा चली आ रही है। लाखों श्रद्धालु इस परंपरागत मेले के गवाह बनते हैं।
देश विदेश से आते हैं श्रद्धालु
इस मेले में देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। अंतिम दिन बक्सर के चरित्रवन में लिट्टी बनाई जाती है। जानकारी के मुताबिक आज साधु-संतों का जत्था अहिल्या धाम के लिए रवाना हो गया है। संत और श्रद्धालु देवी अहिल्या का पूजन कर पुआ-पकवान का भोग लगाएंगे। प्रशासन ने मेले की सभी तैयारी पूरी कर ली है।
बक्सर सदर विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने बताया कि मेले को लेकर प्रशासनिक तैयारी पूरी कर ली गई है। उन्होंने कहा कि पंचकोसी परिक्रमा के तहत 13 नवम्बर यानि आज अहिरौली पूड़ी-पुआ का प्रसाद बनेगा। 14 नवम्बर को नदाँव में साग-भात प्रसाद बनेगा। 15 नवम्बर को भभुअर में भार्गव ऋषि के आश्रम में दही-चुरा का प्रसाद बनेगा। उसके बाद 16 नवम्बर को उदालक ऋषि के आश्रम में बड़का नुआंव में मूली-सतु का भोग लगेगा। 17 नवम्बर को चरित्रवन महर्षि विश्वामित्र आश्रम बक्सर में अंतिम दिन लिट्टी-चोखा प्रसाद बनेगा।
सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम
पंचकोसी परिक्रमा के अवसर पर सदर विधायक संजय कुमार तिवारी की ओर से मेले के अंतिम दिन श्रद्धालुओं के लिए लिट्टी-चोखा भोज का आयोजन किया जाता है। विधायक की ओर से आयोजित भोज में बक्सर जिले के अलावा विभिन्न जिलों के जनप्रतिनिधि भी शामिल होते हैं। विधायक की ओर आयोजित भोज में आम लोगों की भी एंट्री होती है। मुन्ना तिवारी का कहना है कि वे बक्सर में आम जनता के प्रतिनिधि हैं। वे सेवा धर्म हमारा, सर्वे संतु निरामया के सिद्धांत पर चलते हैं। उन्होंने एनबीटी से बातचीत में कहा कि बक्सर में आयोजित पंचकोसी मेले को लेकर उन्होंने अपनी ओर से भी स्थानीय प्रशासन को निर्देश दे रखा है। ताकि, किसी भी श्रद्धालु को कोई दिक्कत नहीं हो।