दिवाली की जगमगाहट अब खत्म हो चुकी है, लेकिन उसके बाद छोड़ा गया धुआं और पटाखों की गूंज बिहार की हवा में जहर घोल रही है। दीपावली की रात से ही पूरे राज्य के आसमान पर धुंध और धुएं की मोटी परत छा गई है। सुबह होते-होते हालात इतने बिगड़ गए कि लोगों को आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ जैसी परेशानियां महसूस होने लगीं।
पटना, गया, मुजफ्फरपुर समेत कई शहरों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। मौसम विभाग के अनुसार, हवा की गति बेहद धीमी (2 से 3 किमी प्रति घंटा) होने के कारण प्रदूषित कण वातावरण में फंसे हुए हैं और धीरे-धीरे पूरे इलाके में फैल रहे हैं।
बारिश से मिलेगी राहत की उम्मीद
पटना मौसम सेवा केंद्र के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में बनने वाले संभावित निम्न दबाव क्षेत्र का असर 25 अक्टूबर के आसपास बिहार में देखने को मिल सकता है। इस दौरान राज्य के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि यह बरसात हवा में फैले धूलकणों और धुएं को नीचे बैठाने में मदद करेगी, जिससे प्रदूषण का स्तर कम हो सकता है और लोगों को राहत मिलेगी।
मौसम विभाग ने बताया कि बारिश के बाद तापमान में गिरावट आएगी। दिन में हल्की ठंडक और रात के समय ठंडी हवाओं का असर महसूस किया जा सकेगा। यह बदलाव प्रदूषण घटाने के साथ-साथ मौसम को भी सुहावना बना सकता है।
स्वास्थ्य विभाग ने जारी की चेतावनी
फिलहाल पटना और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब स्थिति में है। डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सुबह और रात के समय बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों को घर के अंदर रहने और मास्क पहनने की हिदायत दी गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि दिवाली के बाद की यह स्थिति हर साल दोहराई जाती है, लेकिन इस बार हवा की धीमी रफ्तार ने इसे और गंभीर बना दिया है। जब तक बारिश नहीं होती, तब तक राहत की उम्मीद कम ही है।
इस समय पूरे बिहार में दिवाली की खुशियों का धुआं अब चिंता का कारण बन गया है — आसमान पर छाई धुंध और शहरों में फैली बदबूदार हवा लोगों को याद दिला रही है कि त्योहार के बाद भी पर्यावरण की सुरक्षा उतनी ही जरूरी है जितनी खुशी की चमक।