एम्स-दीघा एलिवेटेड रोड आज से लोगों के लिए खुला, सीएम नीतीश कुमार ने किया उद्घाटन, 1289.25 करोड़ से बना है पुल

Sanjeev Shrivastava

NEWSPR डेस्क। अब तक आसमान से पटना की खूबसूरती को बढ़ा रहा एम्स- दीघा एलिवेटेड रोड लोगों के लिए खुल गया है। जाम से हलकान लोगों को राहत देने के लिए बने एलिवेटेड रोड का सीएम नीतीश कुमार ने उद्घाटन किया। इस मौके पर सीएम ने कहा कि एलिवेटेड पुल को विशेष तौर पर बनाया गया है।

उन्होंने बताया कि एक नीचे सड़क है, इसके उपर एलिविटेड सड़क है, फिर एक एलिवेटेड सड़क है। केंद्र सरकार के अधिकारियों ने भी इसकी तारीफ की है। सीएम ने कहा कि इसका सुझाव मेरी ओर से ही दिया गया था। इसको 2018 तक ही होना था। लेकिन आरओबी बनने में देर लगी। इसके बाद रेल मंत्री और रेलवे के अधिकारियों से बातचीत करने के बाद काम में तेजी आई।

सीएम नीतीश कुमार ने क्या कहा
एलिवेटेड पुल की तारीफ करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि लोगों को एक तरफ से दूसरी तरफ जाने में काफी सहुलियत होगी। अब जाने का एक ही रास्ता नहीं है, नीचे से भी आने का रास्ता है। गाड़ियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एलिविटेड के उपर भी एलिवेटेड का निर्माण किया गया है।

नई सरकार में जनता को पहले काम के तौर पर एलिवेटेड पुल की सौगात देने में काफी खुशी हो रही है। नए ब्रिज को लेकर आयोजित लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री के साथ ही केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद,उपमुख्यमत्री तारकिशोर प्रसाद,उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, सांसद रामकृपाल यादव, विधायक संजीव चौरसिया और विधायक रीतलाल यादव मौजूद रहे।

8 मिनट में 12.5 किमी का पूरा होगा सफर।

क्या है फायदा

  • दीघा सेतु से बिहटा की तरफ जाने वाले वाहन अब पटना शहर के जाम नहीं झेलेंगे।
  • अशोक राजपथ के दीघा थाने के पास से एलिवेटेड रोड पर चढ़ने का विकल्प है।
  • गाड़ियां रेलवे लाइन पार कर शहर के दक्षिणी हिस्से में एम्स गोलंबर के पास पहुंचेगी।
  • पटना-दिल्ली रेललाइन के ऊपर 106 मीटर लंबा रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) इंजीनियरिंग का अनूठा नमूना है।
  • एलिवेटेड पथ की ऊंचाई लगभग 25 मीटर है

इनका क्या है कहना

प्रमंडलीय आयुक्त सह बिहार राज्य पथ विकास निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय अग्रवाल ने बताया कि इस पुल को बनाने में 1289.25 करोड़ रुपए की लागत आई है। बिहार का यह सबसे लंबा एलिवेटेड पथ है। इस पुल से राजधानी में जाम की समस्या काफी हद तक कम हो सकती है। नॉर्थ बिहार से आने वाले लोगों को भी आसानी होगी।

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