राज्य में कोरोना के कारण सैकड़ों लोगो की जाने चली गई. हालांकि कोरोना का प्रकोप पिछले कुछ दिनों में कम हुआ है लेकिन खत्म नहीं हुआ है. ऐसे में कोरोना को खत्म करने के लिए दवाओं के साथ-साथ लोग हवन पूजा का भी सहारा ले रहे हैं. कोरोना वायरस को लेकर जहां सरकार पूरी तरह सतर्क है और सभी एहतियाती कदम उठा रही है, वहीं लोग भी अब इसके संक्रमण से बचने के लिए भगवान और अपने अराध्य की शरण में पहुंच रहे हैं.
पटना के कई स्थानों में कोरोना के संक्रमण से पूरी दुनिया को सुरक्षित करने के लिए हवन, पूजन का कार्यक्रम किया जा रहा है. पूर्व मंत्री मिथलेश सिंह ने अपने आवास पर हवन पूजा किया. वहीं यह भी कहा कि दवाओं के साथ-साथ अगर वातावरण शुद्ध हो तो बीमारियां दूर रहती हैं. हवन से कोरोना का बाप भी नहीं आएगा.
गौरतलब है कि किसी भी बीमारी महामारी व रोग से मुक्त होने में दवा के साथ दुआ का भी सहारा लिया जाता है. भारत हमेशा से इस विश्वास पर विश्व कल्याण की कामना करता आ रहा है कि दवा के साथ दुआ यानी ईष्ट प्रार्थना से विपत्तियों से मुक्ति मिलती है. भारतीय संस्कृति वेद के साथ विज्ञान को मान्यता देने वाली संस्कृति है. हर दैहिक दैविक और भौतिक आपदाओं के समय देश में विभिन्न धर्म के लोग अपने ईष्ट से प्रार्थना कर मुसीबत से जल्द मुक्ति की कामना करते हैं. ऐसी परम्परा देश में पुरातन काल से चली आ रही है. वर्तमान में एक अदृश्य दानव के रूप में पूरी दुनिया को अपनी आगोश में ले चुके कोरोना से मुक्ति के लिए इसी परम्परा के तहत दुआओं प्रार्थनाओं का दौर भी जारी है.