NEWSPR डेस्क। कहने को तो औरंगाबाद सदर अस्पताल मॉडल अस्पताल हो चुका है। इसकी उपलब्धियां सरकार के आंकड़ों में दर्ज भी है। यही कारण है कि यहां करोड़ो रूपये खर्च करके 300 बेड वाला 9 तल्ला ओपीडी, 4 तल्ला मातृ शिशु वार्ड तथा आधुनिक किचन और लॉन्ड्री का निर्माण कार्य भी चल रहा है। लेकिन ये तस्वीर इस अस्पताल की पोल खोल रही है। जिससे इसके जमीनी हकीकत का पता चल रहा है। अस्पताल की व्यवस्था कैसी है इसे धरातल पर आकर न सिर्फ देखा जा सकता है बल्कि समझा भी जा सकता है।
दरअसल, यहां की एम्बुलेंस को खुद ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है, क्योंकि बिना पांच आदमी के धकेले यह स्टार्ट नहीं होती है। एम्बुलेंस के टायर भी घिस गए है। जिसको पंचर बना बनाकर चलाना मजबूरी हो गई है। ऐसी हालत में यहां का एम्बुलेंस अपनी परिभाषा पर खरा नहीं उतरता है। दिन हो तो इसपर लाद कर शव को कही भी पहुंचाया जा सकता है लेकिन रात होते ही शव को गंतव्य स्थान तक पहुंचाने में पसीने छूटने लगते है क्योंकि एक तो उसकी स्थिति जर्जर है दूसरी उसमें लाइट नहीं है।