कुलपति के विरोध में उतरे TMBU के छात्र, जमकर कि नारे बाजी,चिपकाए पोस्टर

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भागलपुर द्वारा तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति पर लगातार प्रमाणित हो रहे भ्रष्टाचार के आरोपों के खिलाफ आज  कुलपति एवं अन्य मुद्दों को लेकर विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने कुलपति से स्थिति की मांग की है और जगह-जगह पर पोस्टर भी लगाया है *पोस्टर* में गली गली में शोर है TMBU के कुलपति चोर है चोर कुलपति इस्तीफा दो एवं अन्य नारा को विश्वविद्यालय के दीवार पर विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने चिपकाए।

पूर्व से निर्धारित बिहार सरकार के सात निश्चय योजना के तहत एससी एसटी वर्गों के छात्र एवं सभी वर्गों की छात्रों का निशुल्क नामांकन प्रस्तावित है एवं बिहार के सभी विश्वविद्यालय में इसे लागू भी किया गया लेकिन तिलकामांझी विश्वविद्यालय में पिछले सत्र में विद्यार्थी परिषद के आंदोलन को देखते हुए इसे लागू किया गया लेकिन फिर अगले सत्र से इसे हटा दिया गया जो की दुर्भाग्यपूर्ण है।

वहीं प्रदेश सह मंत्री हैप्पी आनंद एवं जिला संयोजक रोहित राज ने कहा कि तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति पर लगातार वित्तीय अनियमित के आरोप सामने आ रहे हैं अब तो मुंगेर विश्वविद्यालय मैं प्रतिकूलपति रहते हुए जो आईफोन और लैपटॉप की सुविधा सरकारी कर्मचारी होने के नाते उन्हें उपलब्ध कराया गया था वह तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति बनने के बाद लैपटॉप और फोन को अपने व्यक्तिगत इस्तेमाल के रख लिया यह पूर्ण रूप से चोरी ही नहीं यह खुले आम डकैती का मामला बनाया जा सकता है आज कुलपति के आवास से लैपटॉप और आईफोन प्राप्त हुआ है जो मुंगेर विश्वविद्यालय का ऐसे कुलपति छात्रों के लिए क्या सीख देना चाहते हैं विश्वविद्यालय में कुलपति आने के बाद वह अपने आप को संविधान निर्माता से भी ऊपर समझने की भूल कर रहे हैं कई पदों का सीजन विश्वविद्यालय में आने के बाद उन्होंने किया है जो गैर संवैधानिक है जैसे मीटिंग ऑफिसर, PRO एवं अन्य कई ऐसे पदों का सीजन किया है जो संवैधानिक है ही नहीं इस पर कुलपति को जवाब देना पड़ेगा अपने स्वास्थ्य की देखभाल के लिए अपने परिवार के लोगों की ही नियुक्ति क्यों इस पर भी कुलपति को जवाब देना पड़ेगा और विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने आज से प्राण लिया है जब तक कुलपति इन सभी बातों का जबाब देना पड़ेगा।

वही विश्वविद्यालय के छात्र नेता कुणाल पाण्डेय ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति छात्रों को आर्थिक एवं मानसिक रूप से पर तारीफ करने में लगे हुए हैं स्नातक के सभी खण्डों में छात्रों को परीक्षा देने के बाद भी अनुपस्थित कर दिया जाता है और जब हम लोगों ने इसके लिए आवाज उठाई तो उन्होंने कहा था 7 दिन में सभी मामला को ठीक कर लिया जाएगा 4 महीने से अधिक हो चुके हैं लेकिन इस पर कोई ठोस कार्रवाई विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा नहीं किया गया जो की दुर्भाग्यपूर्ण पार्ट थर्ड की परीक्षा परिणाम आने से 6 महीने बीत चुके हैं लेकिन विश्वविद्यालय उन छात्रों का अंक पत्र उपलब्ध नहीं कर पाई एससी एसटी छात्र एवं सभी वर्गों की छात्रों का निशुल्क नामांकन की व्यवस्था बिहार सरकार की सात निश्चय योजना में शामिल है और बिहार के लगभग सभी विश्वविद्यालय में इसे लागू कर दिया गया लेकिन तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में इसे पिछले सत्र में लागू किया गया लेकिन उसके बाद उसे हटा दिया गया जो की दुर्भाग्यपूर्ण है जब बिहार सरकार ने नोटिस के माध्यम से कहा है कि विश्वविद्यालय को इसके लिए जितना पैसा लगेगा वह बिहार सरकार महिया करावेगी लेकिन एससी एसटी छात्र एवं सभी वर्गों की छात्रों का निशुल्क नामांकन होना सुनिश्चित किया गया है लेकिन विश्वविद्यालय के कुलपति अपने छात्र विरोधी नीति को अंजाम देने में लगे हुए हैं ऐसे छात्र हितों के विभिन्न समस्याओं को कुलपति नकाते रहे अब उन्हें यह समझना पड़ेगा कि विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने इन सभी समस्याओं को लेकर कमर कस ली है कल से लगातार अनिश्चितकालीन तक विश्वविद्यालय बंद रहेगा जब तक छात्र हितों की समस्या का निदान नहीं हो जाता है।

वहीं पर दर्शन में प्रदेश कार्यकरणी सदस्य सौरव शर्मा, कोमल शर्मा, रोजी सिंह, सनी चौधरी, प्रांजल बाजपेई, सृष्टि भारती, नीरज, शिवसागर, मयंक, आशीष, प्रत्यूष आनंद एवं अन्य छात्र उपस्थित थे