डॉक्टर बीपी पांडे ने महात्मा गांधी और रविंद्रनाथ टैगोर के साथ तैयार की थी आजादी की रूपरेखा

NEWSPR डेस्क। अंग्रेजों के चंगुल में फंसे भारत देश को आजाद करने में वीरों वीरों ने अपना जान न्योछावर कर दिया। ऐसे वीरों में एक वीर का जन्म कैमूर जिले के चांद प्रखंड के चांद गांव में हुआ। ऐसे वीर का नाम डॉक्टर दुर्गा प्रसाद पांडे हैं। दुर्गा प्रसाद पांडे आजादी की लड़ाई में अपने अहम भूमिका निभाई थी। डॉक्टर दुर्गा प्रसाद पांडे महात्मा गांधी और रविंद्र नाथ टैगोर के साथ देश को आजादी दिलाने के लिए रूपरेखा तैयार की थी।

दुर्गा प्रसाद का जन्म चांद प्रखंड के चांद गांव में 11 फरवरी 1910 में हुआ था। दुर्गा प्रसाद की मृत्यु 26 सितंबर 1989 में हुआ। दुर्गा प्रसाद पांडे के पिता का नाम जगन्नाथ पांडे और माता का नाम कुलवंती देवी है। दुर्गा प्रसाद पांडे जन्म से ही कुशाग्र बुद्धि के थे और बचपन से इनके अंदर देश सेवा की भावना थी डॉक्टर दुर्गा प्रसाद पांडे के घर की आर्थिक स्थिति कमजोर थी।

दुर्गा प्रसाद गांव में ही पहले बढ़ें। आर्थिक तंगी होने के बावजूद दुर्गा प्रसाद अपनी आगे की पढ़ाई के लिए यूपी के काशी गए पढ़ाई के दौरान इन्होंने अपनी कुशलता और मेधा शैली के जरिए साथ में पढ़ने वाले सहपाठियों और शिक्षा देने वाले आचार्य का दिल जीत लिया। काशी में पढ़ने के दौरान डॉक्टर दुर्गा प्रसाद पांडे की मुलाकात महामना मदन मोहन मालवीय जी से हुई। पढ़ाई के दौरान ही मालवीय जी के संपर्क में दुर्गा प्रसाद पांडे आए और कुछ दिनों बाद उनके बहुत करीबी बन गए। इसी दौरान दुर्गा प्रसाद पांडे की मुलाकात रविंद्र नाथ टैगोर डॉ राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी समेत देश के कई स्वतंत्रता सेनानियों से हुई।

आजादी की तैयार की रूपरेखा

पढ़ाई पीरियड में डॉक्टर दुर्गा प्रसाद की मुलाकात रविंद्र नाथ टैगोर डॉ राजेंद्र प्रसाद और महात्मा गांधी से होने के बाद इन सभी ने मिलकर देश को आजाद करने के लिए रूपरेखा तैयार की और कुछ दिन बाद जब रूपरेखा तैयार हो गई तो सभी लोग स्वतंत्रता के आंदोलन में कूद पड़े। देश को आजाद दिलाने के लिए युद्ध स्तर पर किए जा रहे स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान डॉक्टर दुर्गा प्रसाद पांडे को गिरफ्तार कर लिया गया और उनको हजारीबाग जेल में भेज दिया गया।

इसके बाद भी दुर्गा प्रसाद पांडे का देश को आजाद दिलाने का जज्बा पीछे नहीं हटा और इसी बीच जेल में ही डॉक्टर दुर्गा प्रसाद पांडे की मुलाकात डॉ राजेंद्र प्रसाद से हो गई। जेल में रह कर ही  एक बार फिर दुर्गा प्रसाद पांडे और डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद आजादी के लिए रूपरेखा तैयार की।

शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने पर अमेरिका सरकार ने किया था सम्मानित

डॉक्टर दुर्गा प्रसाद पांडे जेल से रिहा होने के बाद मदन मोहन मालवीय जी से मिले और उनके आदेश व रविंद्र नाथ टैगोर के अनुरोध पर दुर्गा प्रसाद पांडे अध्ययन का काम करने के लिए शांति निकेतन में गए। शांति निकेतन में अध्ययन के दौरान दुर्गा प्रसाद पांडे की मुलाकात पंडित जवाहर लाल नेहरु जी हुई। दुर्गा प्रसाद पांडे के गुरु रविंद्र नाथ टैगोर थे। अपने गुरु के आदेश पर दुर्गा प्रसाद पांडे अध्ययन के लिए कैंब्रिज विश्वविद्यालय लंदन में गए और शिक्षा के क्षेत्र में अध्ययन करने लगे इस बीच उन्होंने पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।

पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने के बाद दुर्गा प्रसाद पांडे की तैनाती लाहौर में उच्च पद पर हुआ। कुछ दिनों बाद अपने गुरु देव के आदेश डॉक्टर दुर्गा प्रसाद पांडे शिक्षा के क्षेत्र में काम करने लगे। इधर शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने पर अमेरिका सरकार ने 1966 में दुर्गा प्रसाद पांडे को ऑर्डर ऑफ सेंट जॉन नामक अवार्ड से सम्मानित किया गया।

कैमूर/भभुआ से ब्रजेश दुबे की रिपोर्ट

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